नई दिल्ली: बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक ने बहुप्रतिक्षित रेल विकास प्राधिकरण (रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी) के गठन की मंजूरी दे दी है. ऐसा माना जा रहा है कि इससे न सिर्फ़ रेलवे का कायाकल्प होगा, बल्कि कई बड़े सकारात्मक बदलाव भी होंगे. अब रेलवे किराया निर्धारित करने और रेल सेवाओं की गुणवत्ता का मानक निर्धारित करने का अधिकार इसी अथॉरिटी के पास होगा.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार इस अथॉरिटी के माध्यम से रेल सेवाओं में सुधार और रेलवे में निवेश करने वालों को अनुकूल माहौल मुहैया कराना चाहती है. अब रेलवे के हर तरह के किराए और माल भाड़े की सिफारिश का अधिकार इसी के पास होगा.
हालांकि, रेलवे में इस तरह की अथॉरिटी का सुझाव काफी पहले से ही दिया जा रहा था, मगर अब जाकर इसे मूर्त रूप प्रदान किया गया है. यह डेवलपमेंट अथॉरिटी एक स्वतंत्र बॉडी होगा, मगर ये केंद्र सरकार के अधीन ही होगा.
यह यात्री किराये और मालभाड़े में बढ़ोतरी और कटौती का मसौदा भी तैयार करेगी और यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी के मामले में भी प्रारूप तैयार करेगी. गौर करने वाली बात ये है कि ये कमिटी सिर्फ सिफारिश कर सकती है, अंतिम फैसला लेने का अधिकार सरकार के पास ही होगा.
बताया जा रहा है कि रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी बन जाने के बाद भी रेलवे एक्ट में किसी तरह का संशोधन नहीं होगा. आरडीए कोई भी कामकाज 1989 के रेलवे अधिनियम के मुताबिक ही करेगा.
गौरतलब है कि साल 2001 में राकेश मोहन समिति और 2014 में विवेक देवराय कमेटी ने भी इस अथॉरिटी की सिफारिश की थी, जिसे अब जाकर केंद्र की मंजूरी मिली है.