नई दिल्ली: काफी दिनों पूरे देश में ट्रीपल तलाक का मुद्दा सुर्खियों में बना हुआ है. एक तरफ सरकार ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर रही है वहीं कई मुस्लिम संगठन इसका विरोध भी कर रहे हैं. ट्रिपल तलाक पर चल रही इसी बहस के बीच ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे बैन करने की मांग की है.
बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत दूसरे इस्लामिक संगठन ट्रिपल तलाक के विरोध में हैं. बुधवार को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्रिपल तलाक पर बैन का समर्थन किया. बोर्ड ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनना चाहिए. इसके अलावा बोर्ड ने गौहत्या पर बैन की मांग भी की.
बोर्ड ने अयोध्या के राम मंदिर पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि इस मसले को बातचीत करके सुलझाया जा सकता है. इसके अलावा बोर्ड ने महिलाओं के अधिकार को लेकर एक अलग कमेटी बनाए जाने की मांग रखी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक को हटाना चाहती है. वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) का मानना है कि यह इसे मुस्लिम धर्म में सरकार हस्तक्षेप है. इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 27 मार्च को अपना पक्ष रखा था. जिसमें उन्होंने ट्रिपल तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा के खिलाफ दी गई दलीलों पर रोक लगाने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने इसके जवाब में कहा था कि ट्रिपल तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा के खिलाफ दी गई दलीलों पर रोक नहीं लगाया जा सकता. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ किसी भी तरह के आदेश उनके धार्मिक परंपराओं को मानने पर यह दखल देना होगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया है. संवैधानिक पीठ अब इस मसले की सुनवाई 11 मई से शुरू करेगी.