नई दिल्ली: 6 अप्रैल को बीजेपी का स्थापना दिवस है, 37 साल की हो जाएगी बीजेपी. ऐसे में जबकि बीजेपी यूपी-उत्तराखंड में बम्पर जीत और चार राज्यों में सरकार बनाने के बाद जीत के नशे में सराबोर है, पार्टी के हाईकमान को चिंता लग गई है 2019 के चुनावों की.
ऐसे में स्थापना दिवस से ही शुरूआत हो जाएगी 2019 के चुनावी कैम्पेन की. बीजेपी का ये पहला कैम्पेन 6 अप्रैल से शुरू होगा और 14 अप्रैल तक चलेगा, 14 को डा. अम्बेडकर की जयंती होती है. इस दौरान बीजेपी 2014 के चुनाव में हारी हुई सीटों पर सबसे ज्यादा फोकस करेगी.
तय किया गया है कि इन आठ दिनों में ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच जनप्रतिनिधि जाएं और केन्द्र की बीजेपी सरकार की उपलब्धिया बताएं और ये उपलब्धियां उनके मुताबिक हैं जीएसटी का लागू होना, 2 करोड़ महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन, करीब 13 हजार गावों में बिजली पहुंचाना, भीम एप्प, विमुद्रीकरण योजना की कामयाबी, पाकिस्तान में सर्जीकल स्ट्राइक, योगा डे, स्वच्छता अभियान की कामयाबी, मेक इन इंडिया, आदर्श गांव योजना और स्किल इंडिया जैसी योजनाओं के बारे में बताना आदि.
इसके अलावा यूपी सरकार का 36 हजार करोड़ किसान कर्जा माफ जैसी प्रांतीय सरकारों की उपलब्धियां भी शामिल की गई हैं. बाबा साहेब की जयंती पर दलितों में पकड़ ज्यादा मजबूत करने के लिए भीम एप्प और उसने जो रिकॉर्ड बनाए हैं, उस पर अतिरिक्त फोकस किया जाएगा.
हाल ही में जो पिछड़ों के लिए अलग से संवैधानिक आयोग बनाया गया है, इंदु मिल की जमीन और लंदन में अम्बेडकर का घर खरीदने की जानकारी भी प्रमुखता से दी जाएगी.
सबसे ज्यादा तरजीह उन 120 लोकसभा सीटों को दी गई है, जहां 2014 के चुनाव में बीजेपी हार गई थी. वहां के लोगों को बताया जाएगा कि बीजेपी को इस बार जिताने से उनका और देश का क्या भला होगा. बीजेपी के दोनों सदनों के सदस्यों, सरकार के मंत्रियों और बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को ऐसी एक या दो लोकसभा सीटों पर एक दिन के लिए भेजा जा सकता है.
खुद अमित शाह हैदराबाद जाएंगे, राजनाथ सिंह कोलकाता साउथ जाएंगे तो स्मृति ईरानी कोलकाता नोर्थ और अमेठी दोनों सीटों पर दौरा करेंगी. वीके सिंह को रायबरेली में एक दिन एक रात बिताने के लिए कहा गया है.
नितिन गडकरी निजामाबाद में रहेंगे, तो पीयूष गोयल को एक दिन रोहतक में गुजारने के लिए बोला गया है. अरूण जेटली बंगलौर ग्रामीण सीट का दौरा करेंगे तो उमा भारती हावड़ा में रहेंगी. पश्चिम बंगाल पर खास नजर है, क्योंकि 42 में से केवल एक सीट बीजेपी के हिस्से में आई थी, रवि शंकर प्रसाद भी पश्चिम बंगाल के हुगली में रुकेंगे जबकि अनंत कुमार महबूब नगर जाएंगे. त्रिशूर में जेपी नड्डा रहेंगे और सिंधिया के इलाके गुना में धर्मेन्द्र प्रधान रहेंगे.
बीजेपी के महासचिवों को भी ये दौरा करना होगा, कैलाश विजयवर्गीय को सिल्चर भेजा जा रहा है तो अनिल जैन को मुलायम सिंह के गढ़ फीरोजाबाद, राम माधव को करीमगंज तो भूपेन्द्र यादव को मधेपुरा जाने के लिए बोला गया है. ऐसी सभी सीटों पर शक्ति केन्द्र सम्मेलन रखे गए हैं, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं को ये सभी नेता वहां जाकर सम्बोधित करेंगे, केन्द्र सरकार और बीजेपी राज्य सरकारों की उपलब्धियां उन्हें समझाएंगे ताकि वो आम आदमी तक पहुंचा सकें.
इन योजनाओं से जुड़े जो सवाल हैं, कन्फ्यूजन हैं या आंकड़े हैं, सभी को ढंग से उन्हें समझाने की ये मेगा कवायद है. प्रत्येक सम्मेलन में कम से कम दस बूथ के कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे, उसके बाद ये नेता उस शहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे ताकि लोकल मीडिया के जरिए जनता तक मोदी सरकार की उपलब्धियां पहुंच सकें.
दरअसल इस बार बीजेपी की योजना मोदी सरकार को दोबारा केन्द्र में लाने की है लेकिन पहले से बड़ी जीत के साथ. टारगेट है 362 सीट का यानी दो तिहाई बहुमत ताकि तमाम तरह के कानून बनाने या हटाने में कोई अड़चन ना आ सके. 14 अप्रैल को ये अभियान समाप्त होगा और 15 अप्रैल से बीजेपी के सभी बड़े नेता भुवनेश्वर में होंगे.
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग 15 और 16 अप्रैल को भुवनेश्वर में रखी गई है. इस पूरे प्लान का इंचार्ज अनिल जैन को बनाया गया है और पूरे देश में बीजेपी का स्थापना दिवस मनाया जाना तय हुआ है, जिसमें से करीब 200 सीट ऐसी थी, जहां बीजेपी 2014 में नहीं जीत पाई थी, उनमें से 120 सीट्स को ज्यादा टारगेट किया गया है.