लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यानाथ सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आज शाम 5 बजे होगी. इस बैठक को लेकर बड़ा सवाल ये है कि क्या योगी सरकार अपने वादे के अनुसार किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाएंगे.
क्योंकि अगर यूपी सरकार किसानों के कर्ज माफी का ऐलान करती है तो उसके खजाने पर 36 हजार करोड़ का बोझ आ जाएगा. ऐसे में कई विकास योजनाओं पर भी असर पड़ सकता है.
बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी और अमित शाह ने रैलियों में कहा था कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनती है तो पहली कैबिनेट मीटिंग में ही किसानों की कर्ज माफी का आदेश जारी किया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि 4 अप्रैल को शाम 5 बजे यूपी कैबिनेट की पहली बैठक होगी.
यह बैठक लोकभवन मुख्यमंत्री सचिवालय में होगी. ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में योगी सरकार अपने चुनावी वादे के अनुसार प्रदेश के किसानों को कर्ज माफी का तोहफा दे सकती है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने यूपी चुनावों के लिए पार्टी के प्रचार अभियान के दौरान कई बार घोषणा की थी कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा.
ऐसे में माना जा रहा है कि योगी कैबिनेट की बैठक में हो रही देरी के पीछे किसानों की कर्ज माफी को ही एक कारण हो सकता है. सूत्रों के अनुसार सीएम आदित्यनाथ के आदेश के बाद वरिष्ठ अफसरों ने किसानों कर्ज माफी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा लघु तथा सीमान्त किसान हैं, जिन पर करीब 62 हजार करोड़ रूपये का कर्ज है.
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार सरकार पहली कैबिनेट बैठक में उन सभी मुद्दों पर चर्चा करेगी जो आम जनता के हितों से जुड़े हुए हैं. इनमें किसानों से लेकर महिलाओं तक के मुद्दे शामिल हैं.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद में बताया कि बीजेपी उन सभी वायदों को पूरा करने का काम करेगी जो उसने चुनाव के वक्त आम जनता से किया था.
19 मार्च को यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ एक के बाद एक अब तक 50 फरमान सुना चुके हैं. इसमें अवैध बूचड़खानों पर बैन, एंटी-रोमियो स्क्वॉड मुख्य हैं.