नई दिल्ली : भारत सरकार जाली नोटों पर लगाम कसने के लिए और नोटों के सुरक्षा फीचर में हर 3-4 साल में बदलाव करने को लेकर विचार कर रही है. इस फैसले को लेने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है की नोटबंदी के बाद पिछले चार महीनों में पुलिस ने भारी मात्रा में जाली मुद्रा को पकड़ा है.
सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे पर हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा हुई. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात का समर्थन करते हुए कहा की विकसित देश हर 3-4 साल में अपने देश की मुद्रा में बदलाव कर लेते हैं.
गौरतलब है की 2000 में एक हजार के नोटों को चलन में लाया गया था जिसके बाद से नोटबंदी तक इसमें किसी भी तरीके का कोई बदलाव नहीं किया गया था. अधिकारियों ने बताया की नए नोटों में भी अतिरिक्त सुरक्षा फीचर मौजूद नहीं है.