नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने दिल्ली के पुलिसकर्मियों की जनता के प्रति जबावदेही तय करने के लिए नए कदम उठाए हैं. खबर के अनुसार अब जनता के काम में देरी करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है. सूत्रों के अनुसार अगर पुलिस पुलिस 20 दिनों के अंदर पासपोर्ट वेरिफिकेशन पूरी नहीं करती है तो उसे जुर्माना भरना होगा. इस तरह की कई पेनल्टीज का सुझाव ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट की ओर से दिया गया है.
इसके अलावा अगर पुलिस किसी जुर्म में एफआईआर की कॉपी मामला दर्ज कराने के दिन उपलब्ध नहीं करा पाती है. या फिर जब्त वाहन को कागजी प्रक्रिया तीन दिन के अंदर पूरी नहीं करती है तो जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर प्रतिदिन 250 रुपये या 5,000 का जुर्माना लग सकता है. ब्यूरो का कहना है कि इससे जनता के प्रति अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी, साथ ही पुलिस के काम में पारदर्शिता आएगी.
बताया जा रहा है कि पुलिस रिसर्च संस्था ने 45 सेवाओं को ‘पब्लिक डिलिवरी सर्विसेज’ में शामिल किया है. इनमें पासपोर्ट, किरायेदारी और विदेशियों का पुलिस वेरिफिकेशन, म्यूजिक प्रोग्राम के लिए एनओसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आंदोलन के लिए एनओसी, जांच और नियमित पुलिसिंग शामिल है. हालांकि इन प्रावधानों को कड़ा माना जा रहा है क्योंकि देश में 729 लोगों पर एक पुलिसकर्मी है.
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ने सुझाव दिया है कि 45 पब्लिक डिलिवरी सर्विसेज को अधिसूचित किया जाना चाहिए. इससे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को काम करने में मदद मिलेगी और नागरिकों का भरोसा भी उसके प्रति मजबूत होगा.