नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वो तर्क के आधार पर बहस के लिए तैयार हैं लेकिन वो असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं करेंगे. कोलाकात में IIM के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि विश्वविद्यालयों में बहस होनी चाहिए.
उन्होंने कहा- मैं तर्क के आधार पर बहस के लिए तैयार हूं, लेकिन असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं कर सकता. आगे उन्होंने कहा- भारत हमेशा से सहिष्णु रहा है, विश्वविद्यालयों से निकलने वाले सैकड़ों विचारों को बाहर आने दीजिए, उन्हें बहस करने दीजिए.
प्रणब मुखर्जी ने ये भी कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी तरह की शारीरिक और मानसिक हिंसा से दूर रहनी चाहिए.
इससे पहले मार्च में कोच्चि में एक लैक्चर के दौरान राष्ट्रपति ने कहा था कि असहिष्णु व्यक्ति के लिए भारत में कोई जगह नहीं है.