नई दिल्ली: आस्था से जुड़े राम मंदिर के मुद्दे पर तमाम पक्षकारों को आपसी बातचीत के जरिए हल खोजने के लिए कोर्ट ने एक हफ्ते का समय दिया था. इस दिशा में ज्यादा कुछ तो हुआ नहीं लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी इस मामले में जल्द से जल्द निपटारा चाहते थे. मामला संवेदनशील है और स्वामी पक्षकार नहीं इसीलिए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी से पूछा कि मामले में सुब्रमण्यम स्वामी किस अधिकार से अदालत के समक्ष उपस्थित हुए ? दूसरे पक्ष के वकीलों ने स्वामी की मांग पर ये कहते हुए भी एतराज जताया कि स्वामी इस मामले के मूल पक्ष नहीं है तो फिर मांग क्यों. इस पर स्वामी ने जवाब देते हुए कहा कि वो सिर्फ धार्मिक वजहों से ये मांग कर रहे है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी की अर्जी को खारिज नहीं किया है लेकिन ये तय हो गया कि स्वामी की अर्जी सुप्रीम कोर्ट नें लंबित रहेगी और भविष्य में इस मामले पर जल्द सुनवाई की तारीख के आसार भी कम ही नज़र आ रहे हैं. बहस इस बात पर है कि आखिर स्वामी को इतनी जल्दबाजी क्यों है. इस संवेदन शील मुद्दे पर अगर कोर्ट समय देकर सुलह का रास्ता खोजना चाहती है तो इसमें दिक्कत कहां है.
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