नई दिल्ली : अयोध्या में राम जन्म भूमि विवाद मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोज सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है. कोर्ट ने मामले पर जल्द सुनवाई करने से मना करते हुए कहा है कि इस मामले पर सभी पक्षों को बातचीत का ज्यादा समय दिया जाएगा.
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर मामले पर रोजाना सुनवाई करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि स्वामी इस मामले में पक्ष नहीं हैं, सारे पक्षकारों को और समय दिया जाएगा.
कोर्ट का फैसला आने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह इस मामले में दूसरा रास्ता अपनाएंगे.
स्वामी की याचिका के विरोध में मस्जिद के पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसाली ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में स्वामी पक्ष नहीं हैं.
बता दें कि कि पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की बेंच ने इस मामले में अपनी राय रखते हुए कहा था कि यह मुद्दा आस्था और धर्म से जुड़ा हुआ है. अच्छा होगा कि दोनों ही पक्ष आपस में बैठकर इसको सुलझा लें.
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इसमें मध्यस्थता करने के लिए तैयार है. सभी पक्षों को बातचीत के लिए मनाने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था.
कोर्ट की इस टिप्पणी का कई हिंदू पक्षकारों और केंद्र सरकार ने स्वागत किया था. लेकिन मुस्लिम पक्षकारों को इसमें कुछ आपत्ति थी. बता दें कि बातचीत के जरिए यह मसला सुलझाने के लिए पहले भी कई बार कोशिशें हो चुकी हैं.