चुनाव परिणामों को लेकर भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिषियों पर सख्त हुआ EC

चुनाव आयोग ने चुनाव परिणामों को लेकर भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिषियों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. चुनाव आयोग ने सभी चरणों के मतदान पूरा होने से पहले टीवी न्यूज़ चैनल की ओर से ज्योतिषियों, टैरो कार्ड रीडर्स या राजनीतिक विश्लेषकों का सहारा लेकर नतीजों के बारे में बात करने या भविष्यवाणी करने पर कड़ा ऐतराज जताया है.

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चुनाव परिणामों को लेकर भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिषियों पर सख्त हुआ EC

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  • March 31, 2017 3:30 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने चुनाव परिणामों को लेकर भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिषियों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. चुनाव आयोग ने सभी चरणों के मतदान पूरा होने से पहले टीवी न्यूज़ चैनल की ओर से ज्योतिषियों, टैरो कार्ड रीडर्स या राजनीतिक विश्लेषकों का सहारा लेकर नतीजों के बारे में बात करने या भविष्यवाणी करने पर कड़ा ऐतराज जताया है. 
 
गुरुवार को इस मामले में चुनाव आयोग ने सभी न्यूज़ पेपर और टीवी चैनलों को एक एडवाइजरी जारी की है. आयोग का कहना है कि भविष्य में होने वाले चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी रखने के लिए प्रतिबंधित समय के दौरान परिणामों की भविष्यवाणी से जुड़ा कोई भी कार्यक्रम या न्यूज़ प्रकाशित या प्रसारित नहीं की जानी चाहिए.
 
आयोग ने अपनी एडवाइजरी में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126-ए का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि चुनाव शुरू होने के 48 घंटे पहले से लेकर सभी चरणों के मतदान खत्म होने तक मीडिया चुनाव परिणामों से जुड़ा किसी भी तरह का एग्जिट पोल प्रकाशित या प्रसारित नहीं करेगा या इसे किसी अन्य माध्यम से भी वितरित नहीं करेगा.
 
हाल ही में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान प्रतिबंधित समय की अवधि चार फरवरी की सुबह सात बजे से शुरू हुई थी और यह नौ मार्च की शाम 5.30 बजे तक थी, नौ मार्च को अंतिम मतदान किया गया था. इस प्रतिबंधित समय के दौरान किसी भी तरह का एग्जिट पोल प्रकाशित या प्रसारित करने पर रोक लगाई गई थी.
 
आयोग का कहना है कि कुछ मीडिया चैनलों ने इसका उल्लंघन किया था और प्रतिबंधित समय के दौरान ही उन्होंने राज्यों में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं, यह बताया था. 
 
आयोग का कहना है कि कुछ टीवी कार्यक्रमों में पैनलिस्टों ने बताया था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर जीत हासिल करेगी. आयोग का कहना है कि ऐसा करना धारा 126-ए का उल्लंघन है और ऐसा करने से जनता की राय भी प्रभावित होती है और निष्पक्ष चुनाव कराने में मुश्किल भी होती है.

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