राज्यसभा के 5 संशोधनों को खारिज करते हुए लोकसभा में फाइनेंस बिल पास

नई दिल्ली: वित्त विधेयक 2017 को आज संसद से मंजूरी मिल गई है. इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगते ही कैश के लेन-देन और इनकम टैक्स से जुड़े कई नियमों में बड़े बदलाव हो जाएंगे. लोकसभा में ध्वनि मत से पारित होते ही फाइनांस बिल 2017 संसद से भी पारित हो गया.
दरअसल राज्यसभा ने बिल में कई संशोधन सुझाए थे. जिसे लोकसभा ने खारिज कर दिया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा कि इन टिप्पणियों के साथ मैं अनुशंसा करता हूं कि राज्यसभा के दिए गए सुझाव खारिज किए जाते हैं.
नए कानून में क्या होंगे बदलाव ?
बिल के कानून की शक्ल लेने के बाद देश में कई बड़े बदलाव हो जाएंगे. जैसे कैश के लेनदेन की अधिकतम सीमा तीन लाख से घटाकर दो लाख रुपए हो जाएगी. पैन कार्ड बनवाने और इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए आधार नंबर जरूरी हो जाएगा. इनकम टैक्स अधिकारी किसी के यहां बगैर कारण बताए छापा मार सकेंगे.
आयकर अधिकार को संपत्ति जब्त करने का भी अधिकार होगा. इसके अलावा आयकर अधिकारी को बैंक खातों को फ्रीज करने का भी अधिकार होगा. इसके अलावा राजनीतिक दलों को कैश में चंदे की लिमिट 20 हजार से 2 हजार रुपए हो जाएगी. साथ ही राजनीति चंदे के लिए electoral bond जारी होंगे.
कैसे पास हुआ वित्त विधेयक 2017 ?
विपक्ष ने आज संसद में आरोप लगाया कि वित्त विधेयक की आड़ में सरकार 40 से ज्यादा कानून बदलने की तैयारी कर रही है. जबकि इन सबके लिए सरकार को अलग-अलग बिल लाना चाहिए था. दरअसल राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में किसी बिल को पास कराने के लिए सरकार को विपक्ष का मुंह देखना पड़ता है. लेकिन संविधान के मुताबिक वित्त विधेयक के मामले में राज्यसभा के पास कोई अधिकारी नहीं होता.
लोकसभा में पास होने के बाद वित्त विधेयक राज्य सभा में जाता है, लेकिन राज्यसभा के सुझाव या संशोधन मानने को सरकार बाध्य नहीं होतीय वित्त विधेयक 2017 के साथ भी ऐसा ही हुआ. राज्यसभा में वित्त विधेयक में विपक्ष ने 5 संशोधन किए गए थे. लेकिन जब बिल वापस लोकसभा में पहुंचा, तो सरकार ने संशोधनों को खारिज कर दिया.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि राज्यसभा में वित्त विधेयक पर में संशोधन लाकर विपक्ष ने सरकार को झेंपने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन लोकसभा में पूर्ण बहुमत होने की वजह से सरकार ने उन्हें खारिज कर दिया. जहां तक वित्त विधेयक से जुड़े प्रावधानों की बात है तो सरकार ने पहले ही उन्हें लागू करने का इरादा जता दिया था. लोकसभा में उसे मंजूर करवा कर सरकार ने उन्हें अमली जामा पहनाने की ओर कदम बढ़ा दिया.
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