अलीगढ़ : योगी सरकार में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ हुई कार्रवाई का असर विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी देखने को मिला है, मीट की सप्लाई न होने के कारण एएमयू की कैंटीन में अब छात्रों के लिए दाल और चावल पकाये जा रहे हैं.
11 मार्च को उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब हालात भी बदलने लगे हैं, अवैध बूचड़खानों के खिलाफ हुई कार्रवाई से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की कैंटीन का मेन्यू कार्ड भी गड़बड़ा गया है. एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष फेजुल हसन का कहना है की पिछले पांच-छह दिनों से छात्रों को गोश्त नहीं मिल रहा है, ऐसे में वाइस चांसलर को एक पत्र लिखा है, जिसमें मांग की है कि लाइसेंसी मीट फेक्ट्रियो से सभी हॉलों में मीट की सप्लाई कराई जाए और छात्रों को जल्द से जल्द मीट खाने के लिए मिले.
छात्रों को दिए जाने वाले खाने को लेकर AMU के हबीब हाल के प्रोवोस्ट से जब पूछ गया तो उन्होंने बताया की पहले छात्रों को प्रतिदिन एक बार बड़े का गोस्त दिया जाता था लेकिन अब छात्रों को हफ्ते में दो दिन चिकिन दिया जाता है. मीट बंदी के आदेश के बाद इस कारोबार से जुड़े लोगों अब अपना कारोबार ही बदलने का फैसला ले लिया हैं।
बुलंदशहर में अब लोग कर रहे हैं ये काम
मीट के कारोबार से जुड़े लोग बुलंदशहर में अब या तो कहीं मिर्च बेच रहे हैं तो कुछ फल के ठेले लगा रहे हैं साथ ही शिकायत कर रहे है की पुलिस उनको ठेला भी नहीं लगाने देती और एक स्थान से दूसरे स्थान पर भगा देते है.
जानें मास बंदी के बाद बिजनोर जिले का हाल
अवैध बूचड़खाने को बंद करने के आदेश को सीएम योगी के बनते ही सूबे भर के साथ साथ बिजनोर जिले में भी अवैध बूचड़खाने और मीट का कारोबार पुरी तरह बंद हो गया है, बिजनोर जिले के एक हजार मीट कारोबारी बेरोजगार हो गए हैं और साथ ही साथ जिले भर में 15 अवैध बूचड़खाने बंद हो चुके है. मांस बंदी के चलते हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इनके सामने अब परिवार को पालने की समस्या खड़ी हो गई है.
शादियों में भी हो रही दिक्कत
अब मुस्लिम परिवार में होने वाली शादियों में महमानों को खाने में गोश्त ना मिलने पर दाल चावल से ही काम चलना पड़ रहा है. वहीं जिला प्रशासन के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा की हमारे पास बहुत सी लोग एप्लीकेशन लेकर पहुंचे जिनके घर हाल ही में शादियां होने वाली है.
फिरोजाबाद के कश्मीरी गेट निवासी लड़की का आज निकाह होना है ऐसे में हलवाई मीट की जगह शाकाहारी सब्जियां बना रहे हैं. परिवार में पुरुष तो खुश है कि मीट के बिना शादी में कोई परेशानी नहीं लेकिन महिलाओं को शिकायत है कि वह अपने रिश्तेदारों के यहां मीट खा कर आए हैं और उनको अपने यहां सब्जी खिला रहे है.
आगरा में भी दिख रहा है यही हाल
आगरा में नॉन वेज की कमी से दावतें देने वाले बुरी तरह परेशान है, मुस्लिम्स के शादी समारोह में नॉन वेज की दावत आम चलान में थी लेकिन बदले हालात में बाजारों में मीट दावत लायक मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. जो लोग शादी की दावत दे रहे है वो जिल्लत सी उठा रहे है.