नई दिल्ली: पुराने नोट बदलवाने को लेकर जैसे-जैसे सरकार की डेडलाइन नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे हाथों में पुराने नोट लिए आरबीआई के बाहर खड़े लोगों की कतारें भी लंबी होती जा रही है. सरकार ने पुराने नोट बदलने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया था.
31 मार्च के बाद 10 से ज्यादा पुराने नोटों को पास में रखना अपराध माना जाएगा लेकिन जरा रुकिए, सिर्फ पुराने नोट लेकर आरबीआई दफ्तर के सामने खड़े होने से ही काम नहीं चलेगा. आरबीआई ने पुराने नोट बदलवाने को लेकर गाइडलाइंस जारी की है.
रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक रिजर्व बैंक सिर्फ उन भारतीय नागरिकों को पुराने नोट बदलने की इजाजत देगा जो नवंबर से दिसंबर 2016 तक भारत में नहीं थे वो लोग 31 मार्च तक अपने पुराने नोट बदल सकते हैं वहीं एनआरआई को नोट बदलने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है. हालांकि दोनों ही केस में सिर्फ पुराने नोट जमा करने की ही सुविधा है. नोट बदलने की सुविधा आरबीआई के दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और नागपुर ऑफिस में उपलब्ध है.
हालांकि आरबीआई ऑफिस के बाहर ऐसे लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही जिन्हें नोट बदलवाने की तय सीमा के बाद घर में पुराने नोट मिले हैं. राज्यसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आरबीआई के बाहर ऐसे लोगों की भीड़ है जो नोट बदलवाने की तय शर्त को पूरा नहीं करते हैं.
गौरतलब है कि 8 नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद सरकार ने लोगों को अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए 30 दिसंबर तक का समय दिया था.