नई दिल्ली: अगले राष्ट्रपति के नाम पर मंथन के लिए एनडीए की बैठक एक अप्रैल को होगी. इस बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने साफ कर दिया कि वो राष्ट्रपति पद की रेस में नहीं हैं. इसके बाद लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है. वहीं उपराष्ट्रपति के लिए वेंकैया नायडू, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज है.
राष्ट्रपति पद को भागवत की ना !
संघ प्रमुख ने साफ कर दिया कि वो संघ में काम करते हैं, उन्हें राष्ट्रपति भवन नहीं जाना. भागवत ने कहा – अगर प्रस्ताव आता भी है तो स्वीकार नहीं करूंगा. दरअसल, शिवसेना ने भागवत को बेहतर विकल्प बताया था. उसके बाद से ही उनके नाम की चर्चा थी. दूसरी तरफ, बीजेपी में लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है.
1 अप्रैल को होगी बैठक
पीएम मोदी ने एनडीए के सहयोगियों को बुधवार को डिनर पर बुलाया था लेकिन अब ये मुलाकात एक अप्रैल को होगी. दरअसल, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है. इससे पहले अगले राष्ट्रपति को चुना जाना है.
राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन?
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की बात करें तो बीजेपी में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की चर्चा सबसे ज्यादा है. इनके अलावा दिग्गज सांसद और स्पीकर होने के साथ महिला होने के नाते सुमित्रा महाजन को भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है. वहीं, पार्टी और मोदी कैबिनेट में थावरचंद गहलोत एक बड़ा दलित चेहरा हैं. इस लिहाज से उन्हें भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
उपराष्ट्रपति पद की पसंद कौन?
इसके अलावा, उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर भी कयास लग रहे हैं. इस पद के लिए वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री वेंकैया नायडू का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. उनके अलावा अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और नजमा हेपतुल्ला का नाम भी उपराष्ट्रपति पद को लेकर चल रहा है.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि एनडीए की बैठक आज ही होने वाली थी, लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू की व्यस्तता के चलते इसे टालना पड़ा. बीजेपी के पास अपनी पसंद का राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति बनवाने का ये गोल्डन चांस है, क्योंकि हाल के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद उसके पास ज़रूरत से सिर्फ 20-25 हजार वोट ही कम हैं. दावेदारों की लिस्ट में आडवाणी, सुमित्रा महाजन और सुषमा स्वराज का नाम इसलिए भी आगे माना जा रहा है, क्योंकि मोदी की घोर विरोधी बनने में जुटीं ममता बनर्जी भी आडवाणी के समर्थन का एलान कर चुकी हैं.