नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानों पर रोक के मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगा. CJI खेहर ने कहा कि जरा सोचिए कि किसी व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में जान चली जाती है तो उसके परिवार पर क्या आफत पड़ती है. खास तौर पर मरने वाला व्यक्ति परिवार के लिए रोटी कमाने वाला इकलौता जरिया हो.
वहीं तमिलनाडू और तेलंगाना की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार नेशनल और स्टेट हाईवे के किनारे शराब की दुकाने एक अप्रैल से बंद हो जाएंगी. लेकिन स्टेट हाइवे कई शहरों के बीच से होकर गुजरते हैं अगर दुकानें बंद होंगी तो एक तरह से शराबबंदी हो जाएगी. जबकि देश में शराब बेचना गैरकानूनी नहीं है.
जनहित याचिका पंजाब और तमिलनाडू के लिए दाखिल की गई थी लेकिन आदेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए दिए गए. हर प्रदेश के अलग-अलग हालात हैं. अगर पहाडी इलाकों में इस नियम का पालन करेंगे तो 500 मीटर में तो पहाड आ जाएगा. उसी तरह गोवा जैसे समुद्री इलाकों में 500 मीटर में समुद्र आ जाएगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों का पालन करना मुश्किल हो जाएगा.
बता दें कि पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बडा फैसला दिया था कि राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. हालांकि उसमें यह भी साफ किया गया कि जिनके पास लाइसेंस हैं वो खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हो, तक इस तरह की दुकानें चल सकेंगी. यानी एक अप्रैल 2017 से हाईवे पर इस तरह की दुकानें नहीं होंगी.