नई दिल्ली. एक तरफ रूस के उफ़ा में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक पीएम नवाज़ शरीफ की मुलाकातों की अटकलें जारी हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने विवादित बयान दिया है. आसिफ ने इशारों में भारत को धमकी देते हुए कहा है कि अगर जरूरत पड़ी, तो पाकिस्तान एटमी हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है. ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को जियो टीवी के 'जिर्गा' प्रोग्राम के दौरान कहा, "परमाणु हथियारों का इस्तेमाल एक विकल्प है. इसे सजाने के लिए नहीं रखा गया है."
नई दिल्ली. एक तरफ रूस के उफ़ा में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक पीएम नवाज़ शरीफ की मुलाकातों की अटकलें जारी हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने विवादित बयान दिया है. आसिफ ने इशारों में भारत को धमकी देते हुए कहा है कि अगर जरूरत पड़ी, तो पाकिस्तान एटमी हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है. ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को जियो टीवी के ‘जिर्गा’ प्रोग्राम के दौरान कहा, “परमाणु हथियारों का इस्तेमाल एक विकल्प है. इसे सजाने के लिए नहीं रखा गया है.”
उधर पाकिस्तान संसद में पाकिस्तान के राज्य मंत्री (रिटायर) जनरल अब्दुल कादिर बलोच ने बताया, ‘यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. उस प्रस्ताव में कहा गया था कि जमात-उद-दावा का गठन लश्कर-ए-तैयबा को नया नाम देने के लिए किया गया. लेकिन इससे जुड़े कोई भी सबूत पाकिस्तान को नहीं दिए गए.’ बलोच ने दावा किया कि जमात-उद-दावा समाज की भलाई का काम करती रही है. वह अस्पताल, क्लीनिक, स्कूल और एम्बुलेंस सेवा चला रही है. उसके ऑफिस 2008-2010 के बीच बंद किए गए थे, लेकिन लाहौर हाई कोर्ट ने इसे दोबारा खोलने का आदेश दिया था.