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समय पर फ्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रवैया

नोएडा और गुरुग्राम में यूनिटेक के 41 प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में खरीदारों को समय पर फ्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूनिटेक के डायरेक्टरों को कोर्ट में पेश होने को कहा है. अगली सुनवाई 5 मई को होगी.

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  • March 27, 2017 5:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: नोएडा और गुरुग्राम में यूनिटेक के 41 प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में खरीदारों को समय पर फ्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूनिटेक के डायरेक्टरों को कोर्ट में पेश होने को कहा है. अगली सुनवाई 5 मई को होगी. 
 
मामले में शिकायती बॉयर्स की ओर से पेश एडवोकेट एमएल लाहोटी ने बताया कि नोएडा और गुरुग्राम में करीब 41 प्रोजेक्ट हैं जिनमें हजारों फ्लैट हैं और बॉयर्स के करोड़-करोड़ के निवेश हैं लेकिन तीन साल में फ्लैट की डिलिवरी नहीं हुई तब ये मामला कोर्ट के सामने आया है. इनमें बॉयर्स या तो फ्लैट चाहते हैं या फिर रिफंड चाहते हैं.
 
 
रोड मैप
पिछली सुनवाई के दौरान बिल्डर कंपनी ने एक रोड मैप पेश करने की बात कही थी कि किस तरह से कितने दिनों में पोजेशन दिया जाएगा और रिफंड किस तरह से होगा. सोमवार को सुनवाई के दौरान इसके लिए बिल्डर कंपनी ने कुछ और वक्त मांगा तब कोर्ट ने नाराजगी जताई और यूनिटेक के तमाम डायरेक्टरों को पेश होने का निर्देश दिया है और कहा है कि इस मामले में पेशी से छूट नहीं दी जाएगी. 
 
मूल धन
उधर, नोएडा स्थित सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट में जो भी निवेशक फ्लैट नहीं चाहते बल्कि अपना पैसा चाहते हैं वह मूल धन के लिए बिल्डर कंपनी के वकील के सामने अपना आवेदन दे सकते हैं. उस आवेदन पर विचार करते हुए मूल धन वापस दिया जाए. 
 
मूल धन के लिए आवेदन
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन इन्वेस्टरों को फ्लैट नहीं चाहिए वह मूल धन के लिए आवेदन दे सकते हैं. बिल्डर के पास जो भी इस तरह का आवेदन आएगा उसका 7 हफ्ते के भीतर निपटारा किया जाएगा. वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सुपरटेक की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक 5 करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराई जा चुकी है.
 
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एमरॉल्ड कोर्ट के दो टावरों को गिराने का आदेश दिया था जिसके बाद सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा रखी है. अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी. 

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