मुंबई : वित्त मंत्री अरूण जेटली का कहना है कि नया भ्रष्टाचार-निरोधी कानून ईमानदार नौकरशाहों को बचाएगा. एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि उदारवादी युग में भ्रष्टाचार-निरोधी कानून के बुनियादी तत्वों में संशोधन की जरूरत है क्योंकि अब लोक सेवकों, बैंकरों और राजनेताओं को वाणिज्यिक फैसले लेने होते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि एक लोक सेवक के गलत वाणिज्यिक फैसले को हमेशा भ्रष्टाचार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नए भ्रष्टाचार-निरोधी कानून में संशोधन के जरिये ईमानदार नौकरशाहों को संरक्षण दिया जाएगा.
समारोह में नौकरशाहों के विषय पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि वर्तमान भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम का मसौदा उदारवाद से पहले के दौर में वर्ष 1988 में तत्कालीन परिस्थितियों और जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया था.
अरूण जेटली ने कहा कि आर्थिक उदारीकरण के दौर में बने भ्रष्टाचार रोधी कानून के मूल तत्वों में परिवर्तन लाए जाने की जरुरत है. इसका मुख्य कारण है कि अब सरकारी कर्मचारी, बैंक और राजनेता मिलकर वित्तीय निर्णय लेते हैं. यह कानून संसद में पेश के बाद प्रवर समिति ने मामूली परिवर्तनों का सुझाव दिया है.
वित्त मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार-निरोधी कानून में संशोधन को संसद में पेश किया गया है और प्रवर समिति ने इसकी रिपोर्ट में कुछ आंशिक संशोधन के सुझाव दिये हैं.