नई दिल्ली : आसाराम मामले में गवाहों की हत्या की जाँच सीबीआई से कराने की मांग को केंद्र सरकार ने फ़िलहाल ठुकरा दिया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि वो सीबीआई जाँच के आदेश खुद नहीं दे सकते है. केंद्र सरकार ने अपने हलफ़नामे में ये भी कहा राज्य सरकार खुद चाहे तो सीबीआई जांच की सिफारिश कर सकती है. फिर सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट आदेश दे सकता है. इंडिया न्यूज़ के पास केंद्र सरकार के जवाब की कॉपी मौजूद है.
केंद्र सरकार ने गवाहों की सुरक्षा पैरामिलिट्री फ़ोर्स से कराने से भी इंकार कर दिया है. केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि गवाहों की सुरक्षा राज्य सरकार का विषय है. संविधान के मुताबिक किसी भी अपराध की जाँच करना, केस रजिस्टर करना ये सब राज्य सरकार के अधीन आता है. सुप्रीम कोर्ट नाबालिग से रेप के आरोपी आसाराम के केस में मुख्य गवाहों की हत्या और धमकाने के आरोप को लेकर सीबीआई या SIT जाँच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को आसाराम के केस में चार गवाहों को सुरक्षा देने के आदेश दिए है. साथ ही कोर्ट ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को गवाहों की सुरक्षा और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर जवाब देने को कहा है. दरअसल गवाहों के हत्या और धमकाने के आरोप के मामले में सीबीआई या SIT जाँच की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने केंद्र , हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
याचिका में कहा गया है कि 10 मुख्य गवाहों में से 3 की हत्या हो चुकी है और 7 पर जानलेवा हमला हो चुका है. याचिका में ये भी मांग की गई है कि आसाराम और उन्हें बेटे नारायण साईं द्वारा तंत्र पूजा को लेकर भी सीबीआई जांच करे. आरोप लगाया गया है कि छोटे बच्चे के लाश के सामने वो तंत्र पूजा करते है.