लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने काम की रफ्तार को बेहद तेज कर दिया है. शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने सचिवालय की तमाम फाइलों को दो महीने में डिजटल करने का निर्देश दिया है. यूपी सचिवालय की एनेक्सी में फाइलों की जगह दो महीने बाद सिर्फ कंप्यूटर नजर आएंगे जबकि फाइलें लगभग खत्म हो जाएंगी.
सभी दफ्तरों में बायोमेट्रिक मशीन
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने शासन को चुस्त दुरुस्त बनाने के कुछ और बड़े फैसले किए हैं. योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि यूपी के सभी दफ्तरों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाए ताकि अफसरों की लेट-लतीफी और गैर-हाजिरी पर लगाम लगाया जा सके. साथ ही मुख्यमंत्री ने स्कूल-कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि पढ़ने वालों के साथ ही पढ़ाने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा सके.
अस्पताल में मौजूद रहें डॉक्टर
सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को ये हिदायत दी गई है कि वो अस्पताल में आने वाले मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराएं. अगर डॉक्टर नहीं मिला तो इसके लिए उसकी जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही सस्ती दवाओं के लिए 3 हजार दुकानें खोली जाएंगी.
योगी सरकार के बड़े फैसले
योगी आदित्यनाथ ने गेहूं खरीद की पारदर्शी व्यवस्था के भी आदेश दिए. सरकार ने गेहूं खरीद का लक्ष्य करीब 80 लाख मीट्रिक टन का रखा है. इसके लिए सहकारी समितियों का फिर से गठन किया जाएगा. योगी सरकार ने अपराधियों-माफिया पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. सीएम ने कहा दिया है कि अवैध खनन के लिए प्रशासन और पुलिस जिम्मेदार होंगे. उनसे दागी ठेकेदारों का लाइसेंस रद्द करने को कहा गया है.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि केंद्र सरकार से लेकर देश की बड़ी अदालतों में भी फाइलों को खत्म कर उन्हें डिजिटल करने की शुरुआत हो चुकी है. कुछ इसी तर्ज पर सीएम आदित्यनाथ ने भी आज फाइलों को डिजिटाइजेशन का निर्देश दिया है. ऐसा होने पर साफ-सफाई तो होगी ही बाबू अब फाइल न मिलने के बहान बनाकर लोगों को लौटा नहीं सकेंगे. उन्हें मामले को कंप्यूटर में मौजूद डाटा के मुताबिक तुरंत निपटाना होगा.