मुंबई : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे आपसी बातचीत से हल करने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद अब शिवसेना ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी है. शिवसेना ने कहा है कि इस मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट को नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश की जरूरत है.
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित हुए एक संपादकीय में यह बात कही गई है. शिवसेना ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर अब पीएम मोदी अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा सकते हैं, क्योंकि इस वक्त देश का माहौल ऐसा हो गया है कि केवल मुस्लिम भी उनकी बात सुनते हैं और उनके पक्ष में हैं.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली इस पार्टी का कहना है कि देश की राजनीति पिछले 25 सालों में काफी बदली है. लालकृष्ण आडवानी अब मार्गदर्शक मंडल में हैं और देश में पीएम मोदी का शासन है. इस वक्त राम मंदिर के मुद्दे पर सूप्रीम कोर्ट के निर्देश की नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के निर्देश देने की जरूरत है.
शिवसेना का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की भारी जीत यह दर्शाती है कि इस वक्त पीएम मोदी को लोगों का साथ मिला हुआ है और जनता चाहती है कि यूपी में राम मंदिर का निर्माण किया जाए. आज पूरा देश पीएम मोदी की बात सुनता है, मुस्लिम भी उनकी बात सुनते हैं.
बता दें कि 21 मार्च को राम मंदिर के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी थी कि दोनों पक्षों के लिए बेहतर होगा कि वो आपस में इस मुद्दे को सुलझा लें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला धर्म और आस्था से जुडा है. इसलिए दोनों पक्ष आपस में बैठें और बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश करें. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट के जज भी मध्यक्षता करने को तैयार हैं.