नई दिल्ली: भारत सरकार के नए गाइडलाइन के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ब्याज दर सब्सिडी में कई तरह के बदलाव किए गए है. इस नियम के लागू होने के बाद मध्यम आय वर्ग ( एमआईजी) को घर खरीदने के लिए कर्ज़ा (होम लोन) लेने पर फायदा मिलेगा. इस पॉलिसी के मुताबिक मीडिल क्लॉस को काफी फायदा है अब छह लाख रुपये से 18 लाख रुपये सालाना तक कमाने वाले लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहला घर खरीदने पर होम लोन ब्याज में सब्सिडी के हकदार होंगे. इस योजना का नाम क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम फॉर मिडिल इन्कम ग्रुप्स (सीएलएसएस – एमआईजी) रखा गया है.
बता दें कि नए साल के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को नौ लाख रुपये तक के होम लोन पर चार प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी, और 18 लाख रुपये तक कमाने वालों को 12 लाख रुपये तक के होम लोन पर तीन फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी. होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी देने की यह योजना सरकार की ‘सबके लिए घर’ पहले का हिस्सा है, और इस योजना को शुरू में सिर्फ एक साल के लिए लागू किया जाएगा. क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम फॉर मिडिल इन्कम ग्रुप्स (सीएलएसएस – एमआईजी) के तहत होम लोन के वे सभी आवेदन आएंगे, जो 1 जनवरी, 2017 से अब तक मंज़ूर हो चुके हैं, या फिर विचार हो रहे हैं. इसके तहत लाभ लेने के लिए आवेदक के नाम से पहले से कोई घर नहीं होना चाहिए.
योजना के तहत 12 लाख रुपये वार्षिक तक की आय वालों को 90 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले और 18 लाख रुपये वार्षिक तक की आय वालों को 110 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले घर खरीदने या बनवाने पर लिए गए होम लोन पर ही यह लाभ दिया जाएगा.
योजना के अंतर्गत लाभ उन्हीं होम लोन पर दिया जाएगा, जिनकी अवधि 20 साल या उससे कम होगी.
नेशनल हाउसिंग बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी (एमडी एवं सीईओ) श्रीराम कल्याणरमन का कहना है कि यदि 8.65 प्रतिशत की सामान्य होम लोन ब्याज दर के हिसाब से देखा जाए, तो नौ लाख रुपये के होम लोन पर मिलने वाली चार फीसदी सब्सिडी से ईएमआई 2,062 रुपये प्रतिमाह कम हो जाएगी, और 12 लाख रुपये के गृहऋण पर मिलने वाली तीन फीसदी सब्सिडी से ईएमआई 2,019 रुपये प्रतिमाह कम हो जाएगी.
लोन की इन रकमों पर बनने वाली कुल ब्याज सब्सिडी एक ही बार में सरकार द्वारा बैंक को चुका दी जाएगी, जिससे आवेदक की ईएमआई का बोझ हल्का हो जाएगा.
मध्यम आय वर्ग के लोगों को नौ लाख रुपये तथा 12 लाख रुपये के कर्ज़ पर 20 साल की अवधि में मिलने वाली सब्सिडी लगभग 2.30 लाख रुपये बैठेगी.
योग्य आवेदकों को सीएलएसएस – एमआईजी के तहत ब्याज सब्सिडी का लाभ पाने के लिए बैंक के पास आवेदन करना होगा.
ब्याज सब्सिडी को नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) तथा हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन सीधे बैंक को दे देंगे. बैंक इसके लिए कर्ज़ा लेने वालों से कोई अतिरिक्त प्रोसेसिंग फीस नहीं ले सकेंगे.
वाणिज्यिक बैंकों के अतिरिक्त हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य तथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, छोटे वित्तीय बैंकों जैसे अन्य वित्तीय संस्थान तथा गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां-माइक्रो फाइनेंस कंपनियां भी इस योजना के तहत होम लोन दे सकेंगी.
योजना को लागू करने के लिए बुधवार को 45 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, 15 बैंकों, दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एक कोऑपरेटिव बैंक, चार छोटे फाइनेंस बैंकों तथा तीन गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों-माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के साथ करार पर हस्ताक्षर किए हैं.