नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में मंगलावार को एकेडमिक सेशन 2017-18 के लिए प्रॉस्पेक्टस जारी कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी ने इस सेशन में एमफिल और पीएचडी में एडमिशन के लिए 2016 के यूजीसी गजट नोटिफिकेशन को फॉलो किया है. जिसके तहत रिसर्च सीटों पर 83 फीसदी कटौती कर दी गई है.
रिसर्च सीटों पर की गई कटौती से नाराज होकर छात्रों ने बुधवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में एक दिन की हड़ताल की. जेएनयू के छात्र पिछले तीन महीनों से ही गजट नोटिफिकेशन का विरोध कर रहे थे, इसके लिए स्टूडेंट्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील भी की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया था.
क्या है नया प्रोस्पेक्टस ?
यूजीसी गजट नोटिफिकेशन के तहत यूनिवर्सिटी में इस बार एमफिल और पीएचडी की सीटों में भारी कटौती करते हुए महज 194 सीटों पर ही दाखिला किया जा रहा है. पिछले साल इन सीटों की संख्या 1174 थी. इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कमजोर तबके के लिए एमफिल-पीएचडी के लिए डिप्रिवेशन पॉइंट भी बंद कर दिया है.
यूनिवर्सिटी ने इंटिग्रेटेड एमफिल-पीएचडी, डायरेक्ट पीएचडी और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए यूजीसी गजट के आधार पर प्रॉस्पेक्टस जारी किया है. इस फैसले से स्टूडेंट्स में भारी निराशा है. इस साल स्कूल ऑफ कंप्यूटेशनल ऐंड इंटिग्रेटिव साइंसेज, स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज और स्कूल ऑफ बायॉटेक्नॉलजी में एक भी दाखिला नहीं होगा. इसके साथ ही स्टडी ऑफ लॉ ऐंड गवर्नेंस, संस्कृत स्टडीज और नैनो साइंस में भी इस बार एक भी ऐडमिशन नहीं किया जा रहा है. हिस्ट्री और पॉलिटिकल साइंस जैसे डिपार्टमेंट में देशभर के कई स्टूडेंट अप्लाई करते हैं, लेकिन इस बार इन विभागों में भी कोई सीट नहीं है.
इन सीटों पर हो रहा है दाखिला
नए प्रोस्पेक्टस के मुताबिक इस बार स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज के 12 सेंटर्स में से सिर्फ 4 सेंटर्स में ऐडमिशन होंगे. वहीं स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज के 13 सेंटर्स में से 3 सेंटर्स और स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के 13 सेंटर्स में से भी सिर्फ 2 सेंटर में ही ऐडमिशन होंगे. 4 सेंटर और 10 स्कूलों में कुल 102 एमफिल और पीएचडी में दाखिला होगा, पिछले साल इन सीटों की संख्या 970 थी.