नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए चुनावों के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है. बीजेपी के पास अब 1400 से ज्यादा विधायक हैं. देश में 13 राज्यों में अपना या फिर गठबंधन की सरकार बीजेपी बना चुकी है. इससे बीजेपी न सिर्फ सबसे बड़ी पार्टी बनी बल्कि उसका विस्तार पूरे देश में साफ तौर पर दिख रहा है.
हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनावों के बाद बीजेपी ने उनमें से तीन राज्यों में अपनी सरकार बना ली. मणिपुर और गोवा में दूसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद बीजेपी सत्ता में है. पहली बार विधानसभाओं में बीजेपी का संख्याबल कांग्रेस पर भारी है. पांच राज्यों के चुनावों के ठीक पहले देश में कुल 4120 विधायकों में से बीजेपी के 1096 विधायक थे. अब उनकी संख्या 1400 से ऊपर हो गई है.
वहीं इन चुनावों के पहले कांग्रेसी विधायकों की संख्या 819 थी, जो अब 800 से कम है. पांच राज्यों में कुल 690 सीटों का चुनाव हुआ. इनमें से 167 सीटें कांग्रेस के पास और 100 सीटें बीजेपी के पास थीं. इस चुनाव में 405 सीटें बीजेपी को मिलीं और करीब 30 सीटें उसके सहयोगियों को, जबकि कांग्रेस को 140 सीटें ही मिली हैं.
पांच राज्यों में हुए चुनाव के बाद देश भर की करीब 53 फीसदी आबादी पर बीजेपी का कब्जा हो गया है. फिलहाल उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, असम, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी की सरकार है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, और अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी सहयोगी पार्टियों के साथ सत्ता में है। इन सबको मिला दें तो करीब 58 फीसदी आबादी पर बीजेपी का राज है.
BJP प्रदेश – आबादी प्रतिशत
उत्तर प्रदेश – 16.5 %
महाराष्ट्र – 9.3 %
मध्य प्रदेश – 6 %
राजस्थान – 5.7 %
गुजरात – 5 %
झारखंड – 2.7 %
असम – 2.58 %
छत्तीसगढ़ – 2.1 %
हरियाणा – 2.1 %
उत्तराखंड – 0.83 %
गोवा – 0.1 %
मणिपुर – .22 %
कुल आबादी – 52.93 %
BJP गठबंधन प्रदेश – आबादी प्रतिशत
आंध्र प्रदेश – 4.08 %
जम्मू कश्मीर – 1.06 %
अरुणाचल प्रदेश – 0.11 %
कुल आबादी – 5.25 %
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत का संकल्प लिया था. लेकिन बीजेपी पर आरोप लग रहे हैं कि उसने बीजेपी को ही कांग्रेस युक्त बना लिया है. ऐसा इस वजह से कहा जा रहा है क्योंकि भारी तादाद में कांग्रेस बीजेपी में शामिल हो गए हैं. आज मिशन कर्नाटक के तहत बीजेपी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता एस एम कृष्णा को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया.