नई दिल्ली : उद्योगपति विजय माल्या के पर्सनल जेट के लिए चौथी बार भी कोई खरीदार नहीं मिला. सेवा कर विभाग ने माल्या के जेट को चौथी बार बेचने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ जबकि विभाग ने जेट का आरक्षित मूल्य भी कम कर दिया था.
सेवा कर विभाग ने संबंधित मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देशों पर जेट का आरक्षित मूल्य 22.5 मिलियन डॉलर से घटा कर 12.5 मिलियन डॉलर कर दिया. इस वक्त इंग्लैंड में रह रहे माल्या पर सेवा कर विभाग का 1000 करोड़ रुपये बकाया है. उन पर 17 बैंकों के 9000 करोड़ रुपए भी बकाया है.
सिर्फ एक बोलीदाता शामिल
बकाया सेवा कर में से 535 करोड़ रुपए टिकटों की बिक्री पर शुल्क है, जो अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन ने विभाग के पास जमा नहीं कराया है. शेष राशि ब्याज और अन्य शुल्कों के तौर पर है.
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुताबिक इस विमान की एक बार फिर से नीलामी 15-16 मार्च को की गई थी. मुंबई हवाई अड्डे पर खड़े इस विमान के लिए वैश्विक निविदाएं आमंत्रित की गई थीं.
अधिकारी के अनुसार इसमें सिर्फ एक ही बोलीदाता अमेरिका के एविएशन सोल्यूशन एलएलपी ने हिस्सा लिया था. कंपनी ने जेट की कीमत 17 करोड़ रुपए यानी 2.65 मिलियन डॉलर लगाई थी.