रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद विवाद में सुलह -समझौते की पहल का दोनों पक्षों ने स्वागत किया है और बात-चीत के लिए तैयार भी हैं. दोनों पक्ष साफ़ तौर पर यही कह रहे हैं कि देश की एकता और शांति के लिए यह कदम सराहनीय है. सुलह -समझौते से विवाद हल होगा तो आपसी प्रेम-एकता और सौहार्द को बल भी मिलेगा. मुस्लिम पक्षकार यानी अहम मुद्दई हाजी महबूब ने कह दिया कि देश बचाने के लिए कुछ नुक्सान उठाने को भी तैयार हैं.
लखनऊ: रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद विवाद में सुलह -समझौते की पहल का दोनों पक्षों ने स्वागत किया है और बात-चीत के लिए तैयार भी हैं. दोनों पक्ष साफ़ तौर पर यही कह रहे हैं कि देश की एकता और शांति के लिए यह कदम सराहनीय है. सुलह -समझौते से विवाद हल होगा तो आपसी प्रेम-एकता और सौहार्द को बल भी मिलेगा. मुस्लिम पक्षकार यानी अहम मुद्दई हाजी महबूब ने कह दिया कि देश बचाने के लिए कुछ नुक्सान उठाने को भी तैयार हैं
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दरअसल राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवादित मामले में तीन अहम् पक्षकार है. तीनो ने सुप्रीम कोर्ट में अपना दावा ठोक रखा है. पहला पक्ष निर्मोही अखाड़ा, दूसरा मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला और तीसरे व अहम पक्षकार के तौर पर सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड है. हमने इस मसले पर गुंजाइश बची होने के लिए तीनों पक्षकारों से बात की. राम लला विराजमान पक्षकार त्रिलोकी नाथ पाण्डेय के वकील मदनमोहन पाण्डेय ने सुलह को लेकर की गयी पहल का स्वागत किया है और कहा है कि मिल-जुलकर मामला तय हो जाय तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है.
सुलह-समझौते का निर्मोही अखाडा ने भी स्वागत किया है. निर्मोही अखाडा के प्रतिनिधि महंत राम दास ने स्वागत करते हुए कहा कि अयोध्या सहित देश के विकास के लिए जरूरी है कि आपसी बात-चीत से विवाद हल हो जाय और वो तो बहुत पहले से ऐसा ही चाहते है.
मुस्लिम पक्षकार के तौर पर मामले में मुद्दई हाजी महबूब का कहना है कि हम तो पहले से ही चाहते थे कि विवाद को बातचीत से हल किया जाय तो बहुत ही अच्छा रहेगा. उनहोंने कहा कि हम सुलह-समझौते का स्वागत करते हैं. उन्होंने तो दरियादिली दिखाते हुए यहाँ तक कह दिया कि देश के हित के लिए चाहे कुछ नुक्सान ही क्यों न उठाना पड़े लेकिन इसके लिए हम तैयार है.