नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट पुराने 500 और 1000 के नोटों को बैंकों में जमा कराने की इजाजत मांगने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार और RBI को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि पहले PM ने भरोसा दिलाया कि पुराने नोट जमा करने की मियाद 30 दिसंबर से आगे बढेगी.
बता दें कि 8 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन में भी कहा गया कि जो लोग 30 दिसंबर तक जमा नहीं करा पाएंगे उन्हें उचित कारण बताकर एक तारीख तक नोट जमा कर पाएंगे. लेकिन 30 दिसंबर को सरकार अध्यादेश लेकर आई जिसमें सिर्फ विदेश में मौजूद लोगों के लिए 31 मार्च तक नोट जमा कराने की छूट दी गई. आम लोगों के मन में ये विश्वास था कि उन्हें एक मौका और मिलेगा लेकिन सरकार ने बिना नोटिस दिए ये मौका छीन लिया.
अब कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वो बताए कि एक महिला जो 4 नवंबर से जनवरी तक अस्पताल में है और जुडवां बच्चों को जन्म देती है तो विदेश जाने से ये कैसे अलग है. केंद्र सरकार इस मामले में मनमाना कदम नहीं उठा सकती. सरकार को लोगों को एक मौका और देना चाहिए और वो कारणों की सत्यता का पता लगाकर ही जमा करने की इजाजत दे सकती है.
वहीं केंद्र की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अब ये कानून बन चुका है. प्रधानमंत्री चाहें भी तो ये तारीख नहीं बढा सकते हैं. अब किसी भी तरह लोगों को मौका नहीं दिया जा सकता. सरकार ने ये कदम सोच समझकर उठाया क्योंकि लोग इसका बेजा फायदा उठा रहे थे. प्रधानमंत्री ने कभी भी ये नहीं कहा कि आम लोग 31 मार्च तक पैसा जमा करा सकते हैं. ये कानून संसद ने बनाया है और सरकार को सिर्फ ये तय करना है कि इसका पालन हो.
दरअसल याचिकाकर्ता ने कोर्ट को कहा कि हमें पुराने नोट जमा करने की इजाजत दी जाए क्योंकि जमा करने का समय 31 मार्च तक है. केंद्र सरकार ने कहा नए अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई तय सीमा से ज्यादा पुराने नोट अभी भी रखा है तो अपराध के कैटेगरी में आता है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि पहले प्रधानमंत्री और RBI ने घोषणा की थी कि जो लोग किसी सही वजह से पुराने नोट जमा नहीं कर पाए वो 31 मार्च तक RBI में जमा करा सकते हैं। लेकिन बाद में ये सीमा 30 दिसंबर 2016 तक ही कर दी गई जबकि 31 मार्च 2017 तक ये छूट NRI को ही दी गई है।
याचिकाओं में कहा गया हा चूंकि लोगों के लिए सरकार ने ये घोषणा की गई थी इसलिए सुप्रीम कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वो सभी के लिए पुराने नोट जमा करने की सीमा 31 मार्च तक करे.