नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ हाल-फिलहाल में मुख्यमंत्री बनने वाले बीजेपी के तीसरे बैचलर हैं. सोशल मीडिया में इस बात की चर्चा है कि बीजेपी ने एक बैचलर को ही सीएम क्यों बनाया ? योगी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही बीजेपी की उन बैचलर नेताओं की लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया, जिन्हें पार्टी सीएम बना चुकी है. बीजेपी की सरकार वाले हरियाणा और असम में पहले ही बैचलर सीएम मौजूद हैं.
आदित्यनाथ की तरह ही अविवाहित हैं दोनों CM
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल आदित्यनाथ की तरह ही अविवाहित हैं. उम्र के मामले में तीनों नेताओं में सबसे सीनियर मनोहर लाल खट्टर हैं, जिनकी उम्र 62 साल है. इनके बाद आते हैं सर्बानंद सोनोवाल जिनकी उम्र 54 साल है, और इन सब में सबसे यंग योगी आदित्यनाथ 44 साल के हैं.
RSS से जुड़े हैं दोनों नेता
हालांकि खट्टर और सोनोवाल में कॉमन ये है कि ये दोनों नेता आरएसएस से जुड़े रहे हैं और संघ प्रचारक से सियासत में कदम रखने के बाद सीएम की कुर्सी तक पहुंचे है. वैसे बैचलर सीएम की फेहरिस्त सिर्फ बीजेपी में ही नहीं है, बल्कि दूसरे दलों के भी कई बैचलर नेता अलग-अलग राज्यों के सीएम रह चुके हैं. फिलहाल दो बैचलर नेता अलग-अलग राज्यों के सीएम हैं.
सीएम बनने वाले बैचलर नेता
इनमें एक नाम है ममता बनर्जी का, ममता अविवाहित हैं और फिलहाल पश्चिम बंगाल की सीएम हैं. इनके अलावा ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी अविवाहित हैं. बीएसपी सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती भी अविवाहित हैं, इनके अलावा तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता ने भी शादी नहीं की थी. मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम और फिलहाल केन्द्र में मंत्री उमा भारती भी अविवाहित हैं.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी और अमित शाह ने यादव कुनबे के भ्रष्टाचार को बहुत बड़ा मुद्दा बनाया था. यही नहीं परिवारवाद पर भी हमले किए थे. ऐसे में सीएम पद के लिए उनके पास योगी आदित्यनाथ से बेहतर उम्मीदवार नहीं था. अविवाहित होने के चलते उनमें परिवारवाद को बढ़ावा देने की गुंजाइश नहीं और परिवारवाद के बिना भ्रष्टाचार के पनपने की गुंजाइश भी कम ही होती है. इसके अलावा जिस तरह पीएम मोदी बिना छुट्टी लिए दिन-रात काम में जुटे रहते हैं, उसी तरह योगी जैसे सीएम से दिन-रात काम की उम्मीद की जा सकती है.