लखनऊ: यूपी में शपथ ग्रहण के 24 घंटे के अंदर योगी आदित्यनाथ की सरकार एक्शन में आ चुकी है. सीएम योगी के लखनऊ के योजना भवन में अधिकारियों के साथ मीटिंग की और 15 दिन के अंदर अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया. बता दें कि इससे पहले योगी ने रविवार को अपने सभी मंत्रियों को अपने संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा था.
खराब कानून-व्यवस्था को सूबे की सबसे बड़ी समस्या मानते हुए सीएम योगी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है और उनसे कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने को कहा गया. साथ ही सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को राज्य में ईमानदारी, स्वच्छता और स्पष्टता से काम करने की शपथ भी दिलाई. योगी ने कहा कि राज्य कानून व्यवस्था बहुत बहाल है और दुरस्त करना होगा.
सूत्रों के मुताबिक सीएम के रुख को देखकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों में हड़कंप मचा है. सोमवार को लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में सीएम योगी ने डिप्टी सीएम मौर्य और दिनेश शर्मा से मुलाकात की. इनके बीच मंत्रियों के मंत्रालय को लेकर चर्चा हुई.
इसके बाद योगी मुख्य सचिव राहुल भटनागर, डीजीपी जावीद अहमद, पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल समेत तमाम बड़े अधिकारियों से मिले. इसके अलावा तमाम विधायकों ने भी योगी से मुलाकात की. नए मुख्यमंत्री के साथ सरकारी अधिकारियों का रवैया भी बदलने लगा है.
योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही मुख्य सचिव ने फरमान जारी किया कि सभी अधिकारी समय से दफ्तर पहुंचे और दिलचस्प बात ये है कि सीएम कार्यालय में सभी अधिकारी समय से पहले पहुंच गए. लखनऊ के सरकारी अधिकारियों में नए सीएम के रुख को देखते हुए हड़कंप मचा है.
यूपी में सरकार बदलने के साथ ही लखनऊ की सियासी फिज़ा भी बदल गई है. लखनऊ में हिन्दू युवा वाहिनी के झंडे लहरा रहे हैं. दूसरी ओर शिवपाल सिंह यादव और आजम खान की नेम प्लेट की जगह केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा की नेम प्लेट लग गई है.