लखनऊ: 44 साल के योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. उनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री समेत 46 मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. बीजेपी और योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण (कास्ट फैक्टर) और क्षेत्रीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है.
साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए यह जातीय समीकरण अहम है. इसलिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में जातियों के बीच संतुलन बैठाने की पूरी कोशिश करते हुए परंपरागत वोट बैंक के अलावा ओबीसी और दलित समुदाय के विधायकों को भी मंत्री बनाया है. लेकिन गुर्जर समुदाय से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है.
हिंदुत्व का चेहरा खुद योगी आदित्यनाथ हैं. पिछड़ों का चेहरा केशव प्रसाद मौर्य और ब्राह्मण चेहरा दिनेश शर्मा हैं. योगी की कैबिनेट में 8 मंत्री ब्राह्मण, 7 मंत्री ठाकुर, 17 मंत्री पिछड़ी जाति से, 6 दलित मंत्री, 2 जाट मंत्री और 1 यादव मंत्री और 1 सिख मंत्री भी योगी की टीम में शामिल किए गए हैं. मोहसिन रजा को मुस्लिम चेहरे के रूप में जगह दी गई है. कायस्थ और वैश्य समाज मिलाकर कुल 8 मंत्री योगी की टीम में शामिल किए गए हैं.
जौनपुर सदर सीट से चुनाव जीतने वाले गिरीश यादव को राज्यमंत्री बनाया गया है. सिख चेहरे के रूप में बलदेव सिंह ओलख ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है. यूपी में 15 साल का वनवास खत्म करते हुए बीजेपी और सहयोगी दलों ने 403 में से 325 सीटों पर कब्जा कर चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और योगी बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री बने. उनसे पहले कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह यूपी की कमान संभाल चुके हैं.
योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं. कांशीराम स्मृति उपवन में हुए समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, मुरली मनोहर जोशी, लालकृष्ण आडवाणी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे. समारोह में 9 राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे.