चंडीगढ़: पंजाब की सत्ता में लौटते ही मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा बदलाव किया है. बैठक में निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री समेत तमाम कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री और सभी एमएलए अपनी सरकारी गाड़ियों पर लाल बत्ती या अन्य कोई बत्ती नहीं लगाएंगे. इस बात की जानकारी खुद अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करके दी. बताया जाता है कि बैठक में कुल 118 मामलों पर चर्चा हुई.
सरकारी खर्चे कम करने पर हुई चर्चा
दरअसल पंजाब कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में चुनाव के दौरान वायदा किया था कि पंजाब में सरकार बनने पर लाल बत्ती और VIP कल्चर खत्म किया जाएगा. इसी कड़ी में ये अहम फैसला कैबिनेट में लिया गया है. बैठक में राज्य के आर्थिक मामले, किसान कर्ज और नशा सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकारी खर्च कम करने पर भी चर्चा हुई. बैठक में चुनावी मेनिफेस्टो को लागू करने की रणनीति पर भी विचार-विमर्श हुआ.
नशे पर चोट
कैबिनेट ने अपनी पहली ही बैठक में नशा पर भी हमला किया. राज्य सरकार ने राज्य में शराब ठेकों की संख्या घटाने का निर्णय किया. बैठक में कैबिनेट में वर्ष 2017-18 के लिए राज्य की नई आबकरी नीति को मंजूरी दे दी. इस नीति के तहित राज्य में शराब ठेकों की संख्या 6384 से घटा कर 5900 कर दी गई है. इसके साथ ही राष्ट्रीय और राज्य हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब ठेके पर भी रोक लगा दी गई है.
शिलान्यास और उद्घाटन नहीं करेंगे CM और मंत्री
कैबिनेट ने राज्य में शिलान्यास और उद्घाटन की संस्कृति पर भी रोक लगाने का फैसला किया. अब राज्य में मुख्यमंत्री और कोई भी मंत्री शिलान्यास या उद्घाटन नहीं करेंगे. 100 करोड़ या 200 करोड़ रुपए की बड़ी परियोजनाओं में भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम शिलान्यास पट्टिका या उद्घाटन पट्टिका पर व्यक्त नहीं किए जाएंगे. शिलापट्टिका पर सिर्फ एक पंक्ति में लिखा रहेगा कि यह परियोजना करदाताओं के पैसे से निष्पादित की गई है.
कांग्रेस को मिली हैं 77 सीटें
बता दें कि अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने पंजाब में 16 मार्च को सत्ता संभाली. कांग्रेस के लिए ये फैसला अहम माना जा सकता है. पंजाब की कुल 117 सीटों में से कांग्रेस को 77 सीटों के साथ बहुमत हासिल हुआ है. इसके बाद आम आदमी पार्टी 20 सीटें, अकाली-बीजेपी को 18 सीटें मिली हैं. इनमें अकाली दल के खाते में 15 और बीजेपी के पास तीन सीटें आई हैं. लोक इंसाफ पार्टी को दो सीटें मिली हैं.