नई दिल्ली : कुछ समय पहले दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन दरगाह के 2 मौलवियों के पाकिस्तान में लापता होने की खबर सामने आई थी, हाल ही में इस मामले में एक नई जानकारी सामने आ रही है, सूत्रों के मुताबिक, दोनों मौलवी कराची में मिल गए हैं. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक दोनों मौलवी 20 मार्च को भारत वापस लौट आएंगे.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के साथ कथित संबंधों को लेकर हिरासत में लिया हुआ है. गौरतलब है की 14 मार्च को सैयद आसिफ निजामी और उनके भतीजे नाजिम निजामी को लाहौर के अल्लामा इकबाल एयरपोर्ट से कराची जा रहे शाहीन एयरलाइंस की उड़ान से उतारा गया था.
ऐसी खबर सामने आ रही है की दोनों को एक अज्ञात जगह पर रखा गया है. दोनों मोलवियों को कराची में अल्ताफ हुसैन की पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के साथ कथित संबंधों को लेकर हिरासत में रखा गया है. सूत्रों की मुताबिक अगर उनके खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हो सका तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा.
यहां जानिए आखिर क्या है MQM
1980 में MQM पाकिस्तान की सबसे बड़ी जातीय पार्टी के रूप में सामने आई थी. कराची, हैदराबाद, मीरपुरखास और सुक्कुर में पार्टी का राजनीतिक वर्चस्व है जहां भारत-पाक बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वाले उर्दू भाषी लोगों की एक बड़ी आबादी रहती है.
जानिए क्यों सैयद आसिफ निजामी गए थे पाकिस्तान
80 वर्षीय सैयद आसिफ निजामी अपने भतीजे नाजिम निजामी के साथ 8 मार्च को पाकिस्तान अपने बहन से मिलने के लिए कराची गए थे. वह 13 मार्च को कराची पहुंचे और पाकपट्टन में सूफी संत बाबा फरीद गांग के दरगाह पर जियारत के लिए गए और 14 मार्च से दोनों लाहौर से लापता हो गए थे.
इससे पहले भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी शुक्रवार को दोनों मौलवियों के अपहरण के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हाथ होने का संकेत दिया था। भारत ने दोनों मौलवियों के गायब होने के मुद्दे को उठाया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दोनों के अपहरण के पीछे आईएसआई का हाथ होने की संकेत दिया है. सुषमा ने कहा की दोनों मौलवियों की मेजबानी करने वाले उनके पाकिस्तानी होस्ट दबाव में हैं।