मुंबई : शिवसेना ने एक बार फिर अपने मुखपत्र सामना में महाराष्ट्र में अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने किसानों की कर्जमाफी को मुद्दा बनाया है. सामना के मुताबिक 25 साल के बाद भी बीजेपी अयोध्या में राम का मंदिर नहीं बना पायी जिसके लिए उसने राष्ट्रीय स्तर पर इतने आंदोलन किये, जिसके चलते कारसेवकों की जान गयी और अब यही हाल राज्य में किसानों को क़र्ज़ से मुक्ति दिलाने के मामले में भी देखने को मिल रहा है.
सामना ने लिखा है कि महारष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अब कहते है की किसानों की क़र्ज़ मुक्ति राज्य के बूते की बात नहीं. अगर ऐसा है तो सरकार किसानों से चुनावों से पहले दगाबाज़ी करने के लिए माफ़ी मांगें. इसके साथ ही फडणवीस सरकार के राज में जिन 3000 किसानों ने आत्महत्या की उनके परिवारों से भी माफ़ी मांगें. सरकार खुद पर ही मानव वध का मामला दर्ज करे क्या सरकार इतनी पारदर्शिता दे पायेगी? सामना ने मुख्यमंत्री फडणवीस पर निशाना साधा कि वो यह कहकर किसानों के जख्मों पर नमक लगा रहे हैं कि एक बार क़र्ज़ से माफ़ी देकर क्या किसानों की आत्महत्या रुक जायेंगी, इसकी क्या गारंटी है.
अपने संपादकीय में केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर भी जमकर निशाना साधा. सामना ने लिखा है कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी करते वक्त बहुत सी बातों की गारंटी ली थी जैसे महंगाई कम होगी, काला धन कम होगा, आतंकवाद पर रोक लगेगी, क्या सब बातें पूरी हुई? कश्मीर में रोज़ हमारे जवान मारे जाते है, सुकमा में नक्सलियों ने हमारे CRPF के 12 जवानों को मार दिया, महंगाई अपने चरम पर है. इस दौरान सामना ने बीजेपी पर निशाना साधा कि पार्टी ने भ्रष्ट और दबाव तंत्र का इस्तेमाल करके गोवा में अपनी सरकार बनाई है.