मुंबई : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि देश की सरकारों को राज करने के लिए बहुमत नहीं, सर्वमत चाहिए. मुखर्जी ने कहा कि मैंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है. उनसे कई चीजें सीखीं हैं. इस दौरान राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री के काम करने का अपना तरीका है. मैं उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के बाद देश को लोकतंत्र के रास्ते पर ले जाने का बड़ा जोखिम उठाया. नेहरू देश में संसदीय लोकतंत्र के जनक थे. वहीं सरदार पटेल ने देश को जोड़ने का काम किया. लिहाजा, आजादी के बाद देश की पीढ़ी पर नेहरू और पटेल का गहरा असर पड़ा.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र कर कहा कि इंदिरा गांधी एक बहुत मजबूत नेता और सबसे प्रभावशाली प्रधानमंत्री थीं. उनकी राजनीति का चरम बांग्लादेश की आजादी था. अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में कहा कि वह अकेले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनकी काम करने की शैली पूरी तरह अलग थी. वाजपेयी साथ काम करने वालों की कद्र करना जानते थे.
मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने मंत्रियों को काम करने की छूट दी थी. बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है.