नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन दरगाह के दो खादिम पाकिस्तान से लापता हो गए हैं. ऐसी आशंका है कि इनकी गुमशुदगी में ISI या किसी आतंकी संगठन का हाथ है. इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान से अपडेट मांगा है. खादिम आसिफ निजामी और नाजिम निजामी की ये वो तस्वीर है जिसे उन्होंने लाहौर की दाता दरबार दरगाह से 15 मार्च को अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सएप किया था. उसके बाद से ही दोनों लापता हैं.
सुषमा स्वराज ने मांगी पाकिस्तान से जानकारी
आसिफ निजामी दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह के मुख्य मौलवी हैं जबकि नाजिम उनके भतीजे हैं. दोनों अपने रिश्तेदारों से मिलने और कुछ दरगाहों पर चादर चढ़ाने पाकिस्तान गए थे. जब इनसे संपर्क नहीं हो सका तो आसिफ निजामी के बेटे ने विदेश मंत्रालय को जानकारी दी. सुषमा स्वराज ने बिना देरी किए पाकिस्तान से दोनों मौलवियों की जानकारी मांगी. परिवार वालों के साथ ही सरकार भी परेशान है.
कहां गुम हो गए दोनों मौलवी?
आसिफ अली निजामी की उम्र 80 साल है जबकि उनके भतीजे नाजिम की उम्र 66 साल है. दोनों 8 मार्च को पाकिस्तान के कराची गए थे. कराची में आसिफ निजामी की बहन रहती हैं. उनसे मिलने के बाद 14 मार्च को दोनों ने कराची से लाहौर की फ्लाइट पकड़ी. दोनों लाहौर पहुंचे जहां पहले लाहौर से 160 किलोमीटर दूर बाबा फरीद की दरगाह पर चादर चढ़ाई. फिर लाहौर के दाता दरगाह पहुंचे.
एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकले दोनों मौलवी
15 मार्च को दोनों लाहौर से कराची के लिए निकले. नाजिम निजामी को लाहौर एयरपोर्ट पर ये कह कर रोका गया कि उनके पास पूरे दस्तावेज नहीं हैं. वहीं, आसिफ निजामी को कराची जाने दिया गया. कराची पहुंच कर आसिफ ने अपने भांजे को फोन करके एयरपोर्ट बुलाया. लेकिन आसिफ खुद एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकले. उनके भांजे ने एयरपोर्ट के अंदर भी उन्हें ढूंढा लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला. दूसरी तरफ, लाहौर में रोके गए नाजिम निजामी का भी पता नहीं चल रहा है.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि निजामुद्दीन औलिया दरगाह के दो पीरजादों के पाकिस्तान में गायब होने की घटना के पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका भी जताई जाने लगी है. चूंकि दोनों कराची से गायब बताए जा रहे हैं और कराची में राजनीतिक हालात बेहद खराब हैं, इसलिए ये अंदेशा भी जताया जा रहा है कि कहीं मौलवी आसिफ निजामी और उनके भाई को अगवा करके भारत और पाकिस्तान की तल्खी बढ़ाने की साज़िश तो नहीं रची जा रही है.
पाकिस्तान में सूफी दरगाहें और सूफी समाज से जुड़े लोग आतंकी संगठनों के निशाने पर हैं, इसलिए आसिफ निज़ामी और उनके भाई की सलामती के लिए विदेश मंत्रालय और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान सरकार से जानकारी मुहैया कराने को कहा है. फिलहाल ये किसी की समझ में नहीं आ रहा कि दोनों कराची एयरपोर्ट से अपने आप कैसे लापता हो सकते हैं.