हार के बाद कांग्रेस में कोहराम, मणिशंकर अय्यर ने कहा-2019 में अकेले मोदी को हराना मूर्खता

यूपी और उत्तराखंड में करारी हार और गोवा-मणिपुर में सरकार बनाने से चूकने के बाद कांग्रेस में बदलाव के सुर फिर से उठने लगे हैं. मणिशंकर अय्यर और प्रिया दत्त के साथ ही सज्जन सिंह वर्मा भी आवाज उठाने वालों में शामिल हैं. मणिशंकर अय्यर ने कहा कि कोई मूर्ख ही ऐसा कह सकता है कि 2019 में नरेंद्र मोदी को अकेले हराया जा सकता है.

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हार के बाद कांग्रेस में कोहराम, मणिशंकर अय्यर ने कहा-2019 में अकेले मोदी को हराना मूर्खता

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  • March 16, 2017 5:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: यूपी और उत्तराखंड में करारी हार और गोवा-मणिपुर में सरकार बनाने से चूकने के बाद कांग्रेस में बदलाव के सुर फिर से उठने लगे हैं. मणिशंकर अय्यर और प्रिया दत्त के साथ ही सज्जन सिंह वर्मा भी आवाज उठाने वालों में शामिल हैं. मणिशंकर अय्यर ने कहा कि कोई मूर्ख ही ऐसा कह सकता है कि 2019 में नरेंद्र मोदी को अकेले हराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नेतृत्व में बदलाव का ये सही वक्त है. 
 
 
क्या कहा मणिशंकर अय्यर ने ?
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि यही सही वक्त है, जब कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी को महागठबंधन करना चाहिए, ताकि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी की हार निश्चित की जा सके. राजनीति में बने रहने के लिए कांग्रेस को दोबारा अपनी स्ट्रैटेजी और बदलाव के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा, “जरूरत है कि हम एक पार्टी की जगह एक गठबंधन बनाएं. मजबूत क्षेत्रीय नेताओं को आगे ना बढ़ा पाना हमारा सबसे बड़ा फेलियर रहा, जिसकी वजह से हमें लगातार चुनावों में हार झेलनी पड़ी.”
 
 
कांग्रेस में बदलाव के सुर क्यों उठे ?
कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कर आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने कांग्रेस को मिटाने की सुपारी ले रखी है. कांग्रेस में बदलाव के ये सुर इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि बीते पांच सालों में पार्टी का प्रदर्शन लगातार गिरा है. बीते 5 सालों में पार्टी 24 चुनाव हार चुकी है. 
 
 
कांग्रेस को पहला झटका 2012 में यूपी चुनाव में तब लगा जब पार्टी ने विधानसभा चुनाव में सिर्फ 28 सीटें जीती. उस वक्त यूपी से लोकसभा में पार्टी के 21 सांसद थे. 2012 में ही पार्टी को पंजाब चुनाव में दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा. 2012 के आखिर में कांग्रेस को गुजरात में भी मुंह की खानी पड़ी.
 
 
हिमाचल प्रदेश को छोड़ दें तो पार्टी इसके बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में चुनाव हार गई. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी की करारी हार हुई. 2009 लोकसभा चुनाव में 206 सीटें जीतने वाली पार्टी 2014 के चुनाव में 44 सीटों पर सिमट गई.
 
 
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि मणिशंकर अय्यर ने मान लिया है कि कांग्रेस के लिए 2019 का चुनाव जीतना लगभग नामुमकिन है. महाराष्ट्र के निकाय और पंचायत चुनावों में कांग्रेस की दुर्गति देखने के बाद प्रिया दत्त को भी यही चिंता सता रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा का सोनिया और राहुल के नाम खुला पत्र इन सबमें ज्यादा गंभीर है.
 
 
सज्जन वर्मा ने बिना नाम लिए भी इशारा कर दिया है कि दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की वजह से पार्टी को नुकसान हो रहा है. सज्जन वर्मा मध्यप्रदेश के हैं, जहां कांग्रेस के बड़े नेताओं पर ये आरोप लगता रहा है कि कुछ नेता अपने स्वार्थ के चलते बीजेपी को वॉकओवर दे देते हैं.

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