नई दिल्ली : पाकिस्तान की चेतावनी के बावजूद भारत ने हाल ही में कश्मीर में 15 बिलियन डॉलर लागत वाले हाइड्रोप्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है. केंद्र और राज्य के 3 ऑफिशियल्स ने यह जानकारी दी है. पाकिस्तान ने अपनी ओर से प्रवाहित होने वाली नदियों पर पावर स्टेशन से अवरोध पैदा होने की आशंका जाहिर करते हुए चेतावनी दी थी.
इससे पहले पाकिस्तान ने यह कहते हुए पहले भी कुछ ऐसे प्रोजेक्ट का विरोध किया कि सिंधु व सहायक नदियों के बंटवारे पर वर्ल्ड बैंक मध्यस्थता वाली संधि का उल्लंघन किया गया है, जिसपर 80 फीसद कृषि निर्भर है. इस योजना में शामिल सबसे बड़ा प्लांट 1856 मेगावाट वाले सावलकोट प्लांट को पूरा होने में सालों का समय लग जाएगा.
भारत की वाटर रिसोर्सेस मिनिस्ट्री और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के 2 अन्य ऑफिशियल्स के मुताबिक, पिछले 3 महीनों में कश्मीर में 6 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स को वॉयबिलिटी टेस्ट के लिए मंजूरी दी गई है. ये प्रोजेक्ट्स सिंधु की सहायक नदी चेनाब से जुड़े हैं. इनसे बिजली सप्लाई शुरू हो जाने से जम्मू-कश्मीर की हाइड्रो पावर जनरेट करने की कैपिबिलिटी 3 गुना तक बढ़ जाएगी.
बता दें कि कई सालों से लंबित इन प्रोजेक्ट्स को 2016 में मोदी सरकार ने मंजूरी दी थी. घाटी में आतंकियों को पाकिस्तान की तरफ से लगातार सपोर्ट मिलने से नाराज नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पाक को अब पानी की सप्लाई सशर्त होगी.