दिल्ली. राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में भ्रष्टाचार से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है. दिल्ली सरकार के मदन मोहन मालवीय अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में एक दलाल ऑपरेशन करते हुए कैमरे में कैद हो गया है. इस खबर के सामने आने के बाद से पूरे अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार में हड़कंप में मच गया है.
इंडिया न्यूज/इनखबर के कैमरे में कैद हुई एक्सक्लूसिव तस्वीर में आप देख सकते हैं ये शख्स को जो हरे ड्रेस कोड में है जो ना तो अस्पताल का स्टाफ है, न ही डॉक्टर और न कोई अधिकारी लेकिन बाकायदा ऑपरेशन कर रहा है.
इस तस्वीर में जिन लोगों को आप देख रहे हैं उनमें एक महिला नर्सिंग ऑफिसर ऋचा, दूसरा डॉक्टर मनीष, तीसरा दलाल और चौथा शख्स डॉक्टर भरत है.
जब अस्पताल के ड्यूटी रजिस्टर में इसकी जांच की गई तो सबके नाम थे लेकिन इस दलाल का नाम नहीं था. उसका नाम तो अस्पताल के स्टाफ में भी नहीं है.
ये पता किया गया कि आखिर यह शख्स ऑपरेशन थियेटर में कर क्या रहा था तो पता लगा कि वो एसीएल इम्प्लांट ग्राफ्टिंग को मरीज़ को लगाने से पहले तैयार करता है जबकि ये काम डॉक्टरों का है और एक्सपर्ट डॉक्टर ही करता है. थोड़ी सी भी लापरवाही से मरीज की जान को खतरा हो सकता है.
सवाल उठा कि बिना किसी आधिकारिक इजाजत के इस दलाल को अंदर क्यों भेजा गया और जिसने भी इसको अंदर जाने दिया इसके पीछे उसकी क्या मंशा हो सकती है. कहीं ऐसा तो नहीं है कि दिल्ली के इस सरकारी अस्ताल में इंसानों के आंतरिक अंगों का कोई गोरखधंधा चलाया जा रहा है.
तो पता चला कि ये एक कंपनी का दलाल है जो ACL इम्प्लांट यानि एटेरियर कुर्सियेट लिगामेंट को इन सरकारी अस्पतालों में बेचता है.
एसीएल इम्प्लांट लगाने में इस अस्पताल के कुछ डॉक्टर निजी कंपनियों से मुनाफा खा रहे हैं और उन दलालों को सीधे अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में घुसने की इजाजत दे रखी है.
जब अस्पताल प्रशासन से इस बारे में पूछा गया तो कोई भी अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ.