गोवा : गोवा में कांग्रेस का सरकार बनाने का सपना टूट गया है, राज्यपाल मृदुला सिंहा ने बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर को गोवा का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. आज मनोहर पर्रिकर ने गोवा के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. आज हम आपको मनोहर पर्रिकर के राजनीतिक इतिहास के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
राजनीतिक इतिहास
मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को मापुसा (गोवा) में हुआ था. पर्रिकर अपने स्कूल के खत्म होने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए. आईआईटी से स्नातक करने के बाद, उन्होंने निजी व्यवसाय के साथ-साथ वह एक बार फिर आरएसएस के साथ जुड़ गए. वह आरएसएस के उत्तरी गोवा इकाई में सक्रिय रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन के एक प्रमुख आयोजक बन गए. उसके बाद वह महाराष्ट्रीयवादी गोमंतक पार्टी से लड़ने के उद्देश्य से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए.
भाजपा सदस्य के रूप में पर्रीकर 1994 में गोवा राज्य की विधान सभा में चुने गए थे, उन्होंने नवंबर 1999 तक विपक्ष नेता के रूप में कार्य किया.
पहली बार कब बने मुख्यमंत्री
24 अक्टूबर 2000 में वह पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने लेकिन वह 27 फरवरी 2002 तक सत्ता में रहे. 5 जून 2002 में उन्हें एक बार फिर से मुख्यमंत्री (दूसरी) के रूप में चुना गया. 2012 में एक बार फिर बीजेपी ने कांग्रेस को हरा कर सत्ता हासिल की थी, जहां तक बात की जाए दोनों पार्टियों के पास सीट को तो इस साल बीजेपी के पास 24 और कांग्रेस के खेमे में केवल 9 ही सीटें आई थी. तीसरी बार फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन वह सिर्फ नवंबर 2014 तक सत्ता में रहे.
2014 में बने रक्षा मंत्री
नवंबर 2014 में अरुण जेटली की जगह पर्रिकर को रक्षा मंत्री के रूप में चुना गया लेकिन हाल ही में उन्होंने गोवा मुख्यमंत्री पद के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. आज उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
यहां से की थी पढ़ाई
मनोहर पर्रिकर ने सन 1978 में आई.आई.टी. मुंबई से स्नातक की परीक्षा पास की थी और वह राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले आईआईटी स्नातक करने वाले व्यक्ति हैं. उन्हें सन 2001 में आई.आई.टी. मुंबई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
मनोहर पर्रिकर एक या दो नहीं बल्कि चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने हैं, इससे पहले वह रक्षा मंत्री के पद पर नियुक्त थे. इसी के साथ वह उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के सांसद है लेकिन उन्होंने बाद में इस्तीफा दे दिया था.