नई दिल्ली: गोवा विधानसभा चुनाव के बाद हर पल तेजी से सियासी घटनाक्रम बदल रहे हैं. मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद अब केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे.
प्रधानमंत्री की सलाह के मुताबिक भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंत्रिपरिषद से मनोहर पर्रिकर के संविधान के अनुच्छेद 75 के खंड (2) के तहत तत्काल प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. अब वित्त मंत्री अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
पर्रिकर 14 मार्च को शाम पांच बजे एक बार फिर गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और बीजेपी को समर्थन देने वाली एमजीपी के नेता सुधीर ढवलीकर को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
राज्यपाल से मिल चुके हैं पर्रिकर
दरअसल राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को गोवा का नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया था. राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बहुमत साबित करने केप लिए 15 दिनों का समय दिया है. रविवार को ही मनोहर पर्रिकर ने राज्यपाल से मिलकर गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया था और 21 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी.
शर्त के साथ दिया समर्थन
गोवा में बीजेपी के 13 विधायक हैं. बीजेपी को महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के 3-3 विधायकों के अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है. एमजीएम ने समर्थन के लिए बीजेपी के सामने शर्त रखी थी. एमजीपी नेता सुधीर ढवलीकर का शर्त थी कि अगर मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा तभी उनकी पार्टी समर्थन देगी.
BJP के पास 13 सीटें
40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में बहुमत के लिए 21 सीटों की जरूरत है लेकिन किसी भी पार्टी को 21 सीटें नहीं मिली है. गोवा में सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस पार्टी को मिली है. कांग्रेस के खाते में 17 सीटें हैं जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी है जिसे 13 सीटें मिली है. गोवा फॉरवर्ड पार्टी को तीन, महाराष्ट्रवादी गोमंतक को तीन, एनसीपी को एक सीट और अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं. मनोहर पर्रिकर को 6 महीने के भीतर विधायक बनना होगा. अभी वे सांसद हैं.
क्या कहा था नितिन गडकरी ने ?
नितिन गडकरी ने कहा की गोवा के लिए एक स्थिर सरकार और गोवा के विकास के लिए काम होना चाहिए. इसी के साथ उन्होंने कहा की मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए अपना अहम योगदान दिया है. नितिन गडकारी ने कहा की राज्यपाल की ओर से निमंत्रण मिलने के बाद ही पर्रिकर इस्तीफा देंगे लेकिन अभी तक उन्होंने इस्तीफा दिया नहीं है.