पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार यूपी उत्तराखंड में बीजेपी की जीत पर गदगद दिखे हैं. नीतीश ने कहा कि नोटबंदी पर बीजेपी को पिछड़े और गरीब तबके का समर्थन मिला है. जीत के लिए उन्होंने बीजेपी को बधाई भी दी. नीतीश कुमार ने एक संदेश जारी कर कहा कि गैर बीजेपी दलों को नोटबंदी का इस तरह विरोध नहीं करना चाहिए था. गरीबों को लगता है कि नोटबंदी से अमीरों को चोट पहुंची. कई दलों ने इस बात की अनदेखी की.
क्या लिखा नीतीश कुमार ने ?
नीतीश कुमार ने लिखा कि यूपी-उत्तराखंड में पिछड़े वर्ग के बड़े तबके ने बीजेपी को भरपूर समर्थन दिया. गैर बीजेपी दलों ने उन्हें जोड़ने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिहार की तर्ज पर महागठबंधन भी नहीं हो पाया. इसके अलावा नोटबंदी का इतना कड़ा विरोध करने की जरुरत नहीं थी.
नीतीश कुमार आगे लिखा कि चुंकी इससे गरीब लोगों के मन में संतोष का भाव उत्पन्न हुआ था और उन्हें लगता था कि इससे अमीर लोगों को चोट पहुंची है. लेकिन कई पार्टियों द्वारा इसे नजरअंदाज किया गया. नीतीश ने आगे लिखा कि पंजाब में कांग्रेस की बड़ी जीत पर उन्हें बधाई. कांग्रेस पार्टी का गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरना सराहनीय है.
महागठबंधन के बीच दरार !
यूपी उत्तराखंड के नतीजों के बाद बिहार में महागठबंधन के बीच दरार सामने आ गई है. RJD नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीजेपी की जीत के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार बता दिया. रघुवंश प्रसाद ने कहा कि बीजेपी की जीत की कई वजहें हैं, लेकिन 2 साल की तैयारी के बाद यूपी के चुनावी मैदान में नीतीश कुमार का ना उतरना बीजेपी को मदद पहुंचाने जैसा था.
UP में 312, उत्तराखंड में 57
उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से बीजेपी को 312, सपा को 47, कांग्रेस को 7, राष्ट्रीय लोक दल को 1, बसपा 19, अपना दल को 9, एनआईएसएचएडी को 1, सुखदेव भारतीय समाज पार्टी को 4 और अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं. राजनीतिक दृष्टि से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी का वनवास खत्म हो गया और पार्टी 14 साल बाद सत्ता में धमाकेदार वापसी की है. वहीं उत्तराखंड की कुल 70 सीटों में से 57 बीजेपी के खाते में गई हैं. इसके बाद कांग्रेस को कुल 11 सीटें मिली हैं. वहीं, अन्य दलों के बाद महज दो सीटें लगी हैं.