नई दिल्ली: ये ब्रह्मोस है. हिन्दुस्तान के रक्षा डिपो का वो हथियार जिसके नाम से पाकिस्तान और चीन दोनों भय खाते हैं. इसके पीछे की कई वजह है लेकिन बड़ी वजह है इसका अचूक निशाना. ब्रह्मोस पाकिस्तान के नापाक इरादों की होली जलाएगा. ये हिन्दुस्तान के दुश्मनों की होली जलाएगा. कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरा देश होली के उमंग में डूबा है. लेकिन पाकिस्तान इस रंग में भंग डालना चाहता है.
रविवार सुबह से ही पाकिस्तान बिना किसी वजह के सीमा पार से ताबड़तोड़ गोली-बारी कर रहा है. पाकिस्तान की इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब हिन्दुस्तान के जवान दे रहे हैं और देते रहेंगे. लेकिन इसके अलावा भारत लगातार इस बात की पूरी तैयारी कर रहा है कि उसकी तीनों सेनाएं कम दूरी से लेकर ज्यादा से ज्यादा दूरी तक की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैश रहे और इस कड़ी में जो पहला नाम आता है वो ब्रह्मोस है.
ब्रह्मोस को शुरूआत में तो DRDO ने रूस के सहयोग से तैयार किया है. लेकिन अब इसके वो वर्जन भी तैयार हो रहे हैं, जो कमोबेश स्वदेशी हैं और 300 किलोग्राम आयुध ले जाने और उसे 100 फीसदी एक्यूरेट टारगेट पर निशाना लगाने में सफल हैं. वो भी 450 किलोमीटर तक. पहले ये रेंज 290 किलोमीटर का था. इसी सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस का सफल परीक्षण शनिवार यानी 11 मार्च को किया गया.
शनिवार की सुबह करीब 11 बजकर 33 मिनट पर ओडिशा के चांदीपुर में मौजूद एकीकृत परीक्षण रेंज में लाए गए मोबाइल लॉन्चर के जरिए इस क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया. आपको ये जानकार हैरानी होगी कि भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जिसके पास मन्यूवरबल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. मन्यूवरबल मतलब ये हुआ कि अगर टारगेट पर दागे जाने के बाद यदि लक्ष्य बदल जाए तो ब्रह्मोस उसके पीछे लगकर ख़त्म कर देगा.
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