नई दिल्ली: 2017 के विधानसभा चुनावों में दलबदलुओं की चांदी रही. इन नेताओं ने अपनी पूर्व पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामा और जीत हासिल की.
हम आपको वैसे प्रत्याशियों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने दल बदलने के बाद इन विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की…
रीता बहुगुणा जोशी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कद्दावर ब्राह्मण नेता रीता बहुगुणा जोशी चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गई थीं. बीजेपी के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ा और मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को मात देकर जीत हासिल करी.
चुनाव के ठीक पहले सिद्धू ने कांग्रेस हाथ पकड़ा. बीजेपी से चल रही नाराजगी के बाद पहले सिद्धू की आम आदमी पार्टी के साथ आने की चर्चा थी. लेकिन वो कांग्रेस के साथ गए और कांग्रेस के टिकट पर अमृतसर विधानसभा से चुनाव लड़ा. इसके बाद वो चुनाव जीतने में भी कामयाब रहे. बता दें कि पंजाब में कांग्रेस को बहुमत मिला है.
सौरभ बहुगुणा जोशी
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा जोशी के छोटे बेटे सौरभ बहुगुणा जोशी ने बीजेपी की टिकट से जीत हासिल की. अपने पिता की बीजेपी में एंट्री के साथ ही वो भी बीजेपी में आ गए. सौरभ को उत्तराखंड में सितारगंज से टिकट मिला था.
स्वामी प्रसाद मौर्या
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के पिछड़ी जाति के बड़े स्वामी प्रसाद मौर्या ने चुनाव के ठीक पहले बहुजन समाज पार्टी को छोड़ बीजेपी से हाथ मिला लिया. पडरौना विधानसभा से मोर्या काफी आगे चल रहे हैं.