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एग्जिट पोल: UP में सपा-कांग्रेस के गठबंधन से आखिर किसे हुआ फायदा

यूपी को लेकर किए गए एग्जिट पोल से बीजेपी खुश है तो अखिलेश यादव नतीजों से पहले ही बुआजी यानी मायावती से हाथ मिलाने का संकेत दे चुके हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बिहार की तरह ही इस बार भी एग्जिट पोल के गलत साबित होने की उम्मीद है.

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  • March 10, 2017 5:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ: यूपी को लेकर किए गए एग्जिट पोल से बीजेपी खुश है तो अखिलेश यादव नतीजों से पहले ही बुआजी यानी मायावती से हाथ मिलाने का संकेत दे चुके हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बिहार की तरह ही इस बार भी एग्जिट पोल के गलत साबित होने की उम्मीद है. 
 
 
‘बिहार जैसा होगा हश्र’
राहुल गांधी ने कहा कि एग्जिट पोल्स का हश्र भी बिहार जैसा होगा. उन्होंने कहा, ‘हमारा गठबंधन जीत रहा है. ऐसे एग्जिट पोल्स को हम बिहार में भी देख चुके हैं. इस पर कल बात करेंगे.’ दरअसल, एग्जिट पोल दिखा रहे हैं कि यूपी को अखिलेश-राहुल का साथ पसंद नहीं आया. 
 
 
इंडिया न्यूज – MRC एग्जिट पोल
इंडिया न्यूज – MRC के एग्जिट पोल ने एसपी-कांग्रेस गठबंधन को 120 सीटें दी हैं. ABP-CSDS ने 156-169, टाइम्स नाउ-VMR ने 110-130, न्यूज 24-टुडेज चाणक्य ने 88, इंडिया टुडे-एक्सिस ने 88-112 सीटें दी हैं. इन सबका औसत निकालें तो एसपी-कांग्रेस गठबंधन को 118 सीटें मिलती दिख रही हैं. यानी एग्जिट पोल के मुताबिक गठबंधन के बावजूद अखिलेश सत्ता नहीं बचा सके.
 
 
कांग्रेस-एसपी गठबंधन के लिए क्या संकेत? 
एग्जिट पोल के आंकड़े बता रहे हैं कि अखिलेश का काम सोशल मीडिया पर तो बोला लेकिन ईवीएम तक नहीं पहुंच पाया. एग्जिट पोल के मुताबिक इन चुनावों में एसपी-कांग्रेस गठबंधन को महज 30 फीसदी वोट मिले. जबकि 2012 में अकेले समाजवादी पार्टी को 29.13 फीसदी और कांग्रेस को 11.65 प्रतिशत वोट मिले थे. यानी कांग्रेस के साथ आने से गठबंधन को एक फीसदी वोट का भी फायदा नहीं हुआ.  माना जा रहा है कि कांग्रेस से लोगों की नाराजगी अब तक दूर नहीं हुई है. वहीं, समाजवादी कुनबे की अंदरूनी लड़ाई से मुलायम समर्थक बिदक गए. तीसरे, चौथे और पांचवें दौर में पार्टी का पिछड़ना यही संकेत दे रहा है. 
 
 
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि एग्जिट पोल देखने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं को लग रहा है कि उनकी आशंका सही साबित हुई कि गठबंधन का फायदा सिर्फ कांग्रेस को होगा. ये बात चुनाव के दौरान मुलायम सिंह भी कह चुके थे और चुनाव बाद रविदास मेहरोत्रा ने भी खुलकर यही बात कही कि अगर गठबंधन नहीं होता, तो समाजवादी पार्टी ज्यादा सीटें जीतती.
अगर एग्जिट पोल का अनुमान नतीजों में बदला तो इससे कांग्रेस के लिए भविष्य में मुश्किलें बढ़ जाएंगी, क्योंकि यूपी के खराब नतीजे इस बात पर मुहर लगा देंगे कि कांग्रेस गठबंधन करके दूसरी पार्टियों का वोट तो ले लेती है, लेकिन कांग्रेस का अपना वोट बैंक ट्रांसफर नहीं होता.

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