नई दिल्ली. यह महज संयोग नहीं है कि बिहार की राजधानी पटना के आकाश में नीतीश कुमार के पोस्टर्स का दबदबा दिख रहा है. इस महीने की शुरुआत में ही ये पोस्टर्स लगाए गए थे. इन सभी पोस्टर्स पर 6 नारों में से एक कॉमन नारा है, ‘फिर एक बार नीतीश कुमार’. इन पोस्टर्स पर न तो जेडीयू का सिंबल है और न ही गठबंधन के दल आरजेडी या कांग्रेस का कोई जिक्र है. नीतीश की दलों से ऊपर उठकर एक नेता की छवि बनाने के इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं प्रशांत किशोर.
कौन हैं प्रशांत किशोर
नरेंद्र मोदी की चुनाव प्रचार टीम के मुख्य सदस्य प्रशांत किशोर इन बिहार विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री के राजनीतिक विरोधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए काम कर रहे हैं. लोक स्वास्थ्य मामलों के एक्सपर्ट किशोर ने 2011 में संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़ दी थी और उन युवा पेशेवरों की टीम में शामिल हुए जिन्होंने करीब तीन सालों तक मोदी के लिए प्रचार किया था.
‘चाय पे चर्चा’ और थ्री डी होलोग्राम प्रचार जैसे कई अभियानों का श्रेय उन्हें जाता है. इन कार्यक्रमों ने मोदी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 37 वर्षीय किशोर ने 60 अन्य पेशेवरों के साथ मिलकर सिटीजन्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (सीएजी) बनाई थी, जिसका मकसद मोदी के लिए वोट जुटाना और फिर सामाजिक मुद्दों का समाधान करना रहा.
नीतीश के लिए क्या है रणनीति
‘2025 बढ़ चला बिहार’ के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है. इसमें आने वाले दस सालों के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा. विजन डॉक्यूमेंट को पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करेंगे. पूरे कैंपेन को नीतीश कुमार के ईर्द-गिर्द रखने की तैयारी है. इस कैंपेन में नीतीश पार्टी और गठबंधन से खुद को ऊपर रखने जा रहे हैं. कैंपेन में वोटर्स के समक्ष सवाल रखा जाएगा- आप नीतीश के साथ हैं या खिलाफ हैं?
अमेरिकी स्टाइल का चुनाव कैंपेन
पटना में लगे पोस्टर्स से साफ संदेश जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में व्यक्तिवादी केंद्रित स्टाइल नेताओं को पसंद आ रही है. बिहार में अगले चरण का चुनाव प्रचार दो जुलाई से शुरू हो रहा है. बिहार में इस बार का चुनावी कैंपेन बिल्कुल अलग होने जा रहा है. प्रशांत किशोर पहला कैंपेन ‘बढ़ चला बिहार’ स्लोगन के साथ बढा़ने जा रहे थे लेकिन एमएलसी चुनाव के कारण आचार संहिता लगा था और इस कैंपेन को रोकना पड़ा. प्रशांत किशोर ‘हर घर दस्तक’ कैंपेन चलाने जा रहे हैं. इसके तहत दो जुलाई से हर घर के दरवाजे खटखटाए जाएंगे. यह दिन में 10:30 बजे से शुरू होगा. इसमें एक ही समय 10,000 जगहों को लक्ष्य किया जाएगा. यह कैंपेन 30 दिनों तक चलेगा, जिसमें एक करोड़ घरों तक पहुंचने का टारगेट तय किया गया है. निशाने पर 3 करोड़ वोटर्स हैं.
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