लखनऊ : मध्य प्रदेश में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में धमाका और बाद में लखनऊ में आतंकी सैफुल्ला के एनकाउंटर के बाद से ही यूपी पुलिस चौकस है. पहले कहा जा रहा था कि खुरासान मॉड्यूल का मुखिया सैफुल्ला ही था, लेकिन बाद में इसके तार कानपुर से जुड़े मिले.
अब यह खबर सामने आ रही है कि इस मॉड्यूल का मुखिया कानपुर का रहने वाला जीएम खान है, जो इस वक्त फरार है और जिसकी तलाश के लिए पुलिस पूरी कोशिश कर रही है.
जिस ग्रुप का सदस्य सैफुल्ला था उसके मुखिया जीएम खान के बारे में यह जानकारी भी सामने आई है कि वह एयरफोर्स में भी काम कर चुका है. पुलिस जीएम खान की तलाश में कानपुर में उसके घर भी गई थी, लेकिन घर बंद मिला. पड़ोसियों से पूछताछ में पता चला कि वह किसी से ज्यादा बात नहीं करता था.
मंगलवार को हुई मुठभेड़ के बाद खबर आई थी कि ये पूरा सिंडिकेट आतंकी संगठन आइएसआइएस से जु़ड़ा हुआ है, लेकिन यूपी पुलिस ने बुधवार को बयान जारी कर कहा था कि मारा गया आतंकी सैफुल्ला या फिर पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के तार सीधे तौर पर आइएस से जुड़े होने के सबूत नहीं मिले हैं.
प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी ने अपने बयान में कहा कि इन लोगों को किसी आतंकी संगठन का समर्थन नहीं मिला. उन्होंने बताया कि ये खुद ही इंटरनेट या सोशल वेबसाइट के जरिए आइएस से प्रभावित हुए. उन्होंने ये भी बताया कि ये आइएस से प्रभावित थे और खुद का एक ग्रुप बनाकर काम करना चाहते थे. दलजीत चौधरी के मुताबिक उन्होंने अपने ग्रुप का नाम ‘खुरासान’ रखा था और इसी नाम के साथ वो अपनी पहचान बनाना चाहते थे.