नई दिल्ली: जवाब तो देना होगा में आज सवाल आतंकी संगठन आईएस के भारत में पैर जमाने और उससे उभरते खतरे का है. IS के खौफनाक आतंकी हमलों की खबरें कब अखबार टेलीविज़न से निकलकर भारत में हमारे और आपके सामने खड़ी हो गईं इसका अंदाज़ा बीते 24 घंटे में लगा है जब मध्य प्रदेश के शाजापुर में ट्रेन ब्लास्ट के तार लखनऊ से कानपुर तक जुड़ गए और सबके पीछे आतंकी संगठन आईएस का हाथ साफ़ हो गया.
खबर बहुत बड़ी इसलिए है क्योंकि भारत में आईएस माड्यूल की ये पहली आतंकी घटना है. इसका मतलब साफ है कि ISIS ने पूरे देश में अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी हैं. उत्तर प्रदेश से लेकर मध्यप्रदेश तक आतंक फ़ैलाने की साजिश रचने वाले खूंखार आतंकी सैफ्फुलाह को 12 घंटे की मुठभेड़ के बाद आखिरकार मार गिराया गया.
जो खबर कामयाबी की तरह दिख रही है दरअसल वो चिंता की शुरुआत है क्योकि आतंकी सैफुल्लाह ISIS के खुरासान मॉड्यूल का सदस्य था और इनकी साजिश पूरे यूपी को दहलाने की थी. मार्च की 22 तारीख को बाराबंकी में बड़ा ब्लास्ट करने की तैयारी थी.
आतंक का ये खुरासान मॉड्यूल कब से काम कर रहा है इसका तो अंदाजा नहीं लेकिन अब इस माड्यूल ने देश को अपनी मौजूदगी का सबूत ट्रेन ब्लास्ट के जरिए दे दिय़ा है. आपको समझाएं कि आतंक का खुरासान मॉड्यूल है क्या और कितना बड़ा खतरा सामने खडा है उससे पहले सुनते हैं कि यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने इंडिया न्यूज़ से बातचीत में क्या जानकारी दी है.
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