Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • मध्य प्रदेश में हुए ट्रेन विस्फोेट से जुड़े हैं लखनऊ एनकाउंटर के तार, जानिए क्या है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश में हुए ट्रेन विस्फोेट से जुड़े हैं लखनऊ एनकाउंटर के तार, जानिए क्या है पूरा मामला?

ठाकुरगंज के हाजी कॉलोनी में मंगलवार दिन से शुरू हुआ एनकाउंटर देर रात तक जारी है. एटीएस और यूपी पुलिस मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम देने की कोशिश कर रही है.

Advertisement
  • March 7, 2017 6:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ: ठाकुरगंज के हाजी कॉलोनी में मंगलवार दिन से शुरू हुआ एनकाउंटर देर रात तक जारी है. एटीएस और यूपी पुलिस मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम देने की कोशिश कर रही है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी के मुताबिक कोशिश ये है कि इस संदिग्ध आतंकी को जिंदा पकड़ा जाए. कमरे के भीतर से अब भी गोलीबारी हो रही है. एटीएस कमरे में आंसू गैस और मिर्ची बम का इस्तेमाल कर रही है ताकि कमरे में मौजूद लोगों को पकड़ा जा सके.
 
 
कैसे घटा पूरा घटनाक्रम ?
 
एमपी एटीएस से कानपुर में आतंकी होने की खबर मिली तो यूपी एटीएस के भी कान खड़े हो गए. आनन फानन में इस आतंकी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई करीब 4 बजते बजते पुलिस ने कानपुर से चौथे आतंकी को गिरफ्तार कर लिया. ये काम बेहद सफाई से हुआ था बिना एक भी गोली चलाए. जब यूपी एटीएस ने कानपुर से गिरफ्तार आतंकी से पूछताछ की तो उसने भी एक और आतंकी का राज़ खोल दिया. ये आतंकी प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छिपा बैठा था और साथी आतंकियों के मुताबिक उसके पास खतरनाक हथियार भी मौजूद थे.
 
ठाकुरगंज में शुरू हुई पुलिस की हलचल
 
यूपी पुलिस ने लखनऊ में ठाकुरगंज की हाजी कालोनी को धीरे धीरे घेर लिया फिर एक तय मकान का घेराव किया गया. लोकल इनपुट हासिल करने पर एटीएस को पता चल कि इस मकान में रहने वाले आतंकी का नाम सैफुल्ला है और सैफुल्ला मूल रूप से लखनऊ का ही रहने वाला है. मकान को चारों तरफ से घेरने के बाद जब एटीएस ने सैफुल्ला को ललकारा तो एटीएस भी चौंककर रह गई. जवाब में उनका सामना भारी फायरिंग से हुआ. जाहिर था कि भीतर मौजूद आतंकी ना सिर्फ बेहद खतरनाक था बल्कि मुमकिन है कि वो इस पूरे मॉड्यूल का लीडर भी था.
 
दोनों तरफ से शुरू हुई गोलीबारी
 
करीब 2.30 घंटे तक दोनों तरफ से लगातार गोलीबारी होती रही. सैफुल्ला नाम के आतंकी  ने खुद को  घर के भीतर बंद कर मोर्चा बना लिया था और बाहर मौजूद एटीएस के पास कोई ढाल तक नहीं थी. अब एक ही तरीका था कि एटीएस किसी तरह भीतर दाखिल हो और उसे सरेंडर करने पर मजबूर कर दे.
 
संदिग्ध को सरेंडर कराना बना चुनौती
 
क्योंकी आतंकी एक नहीं बल्कि दो थे और रह रहकर गोलियां चला रहा थे इसलिए उन्हे सरेंडर करने पर मजबूर करना मुश्किल था. आखिरकार एटीएस ने यूपी पुलिस के कमांडोज़ की मदद ली. पुलिस के कमांडोज़ और एटीएस ने मिलकर नई रणनीति बनाई. फिलहाल पुलिस कमरे में मौजूद दोनो लोगों को जिंदा पकड़ने की कोशिश कर रही है.    

Tags

Advertisement