तिरुवनंतपुरम: केरल में एक नर्सिंग कॉलेज ने हॉस्टल में रह रही छात्राओं को अजीबोगरीब फरमान सुनाया है. उनसे कहा गया है कि कपड़े बदलते समय वो दरवाजे को लॉक ना करें. इस फरमान पर बवाल मच गया है. केरल के कोल्लम में उपासना कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तुगलकी फरमान का विरोध हो रहा है.
छात्राओं के मुताबिक प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि लड़कियां दरवाजा बंद कर चुपके से मोबाईल फोन का इस्तेमाल करती हैं और समलैंगिक संबंध बनाती हैं. इसलिए उन्हें कपड़े बदलने के दौरान दरवाजे को लॉक करने की इजाजत नहीं मिलेगी. कपड़े बदलते समय वो दरवाजे के पीछे कुर्सी लगा सकती हैं.
मेनका भी ‘कर्फ्यू’ के पक्ष में !
उधर महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हॉस्टल में रहनेवाली लड़कियों पर ऐसा बयान दिया है, जिसे लेकर वो सोशल मीडिया में निशाने पर आ गई हैं. एक कार्यक्रम में मेनका ने कहा कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों के बाहर रहने की समय सीमा तय होनी चाहिए.
कार्यक्रम में लड़कियों ने कहा कि उन्हें हॉस्टल से देर रात तक लाइब्रेरी आने-जाने की इजाजत नहीं मिलती. इस पर मेनका ने कहा कि 16-17 साल की उम्र में आपमें हार्मोनल चेंज आते हैं. इसलिए इस तरह का कर्फ्यू जरूरी है. मेनका ने कहा कि एक अभिभावक के तौर पर मैं उम्मीद करती हूं कि कॉलेज में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियां सुरक्षित रहें.
ऐसी-ऐसी पाबंदियां
केरल के इस कॉलेज की छात्राओं ने प्रिंसिपल पर कई पाबंदियां लगाने के आरोप लगाए हैं. कॉलेज की लाइब्रेरी में इंटरनेट के इस्तेमाल पर पाबंदी है. छात्राओं के मुताबिक प्रिंसिपल को लगता है कि लड़कियां मोबाइल पर अश्लील साइट्स देखती हैं. यही नहीं, लड़कियों को बाल लंबे करने और नाखून बढ़ाने पर जुर्माना देना पड़ता है. विरोध करने वाली लड़कियों को हॉस्टल खाली करने का आदेश दे दिया गया है. प्रिंसिपल ने उनके मां-बाप को भी फोन पर बता दिया है कि वो अपनी बेटियों को घर ले जाएं. कॉलेज ने मीडिया से बात करने से भी इनकार कर दिया है.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि मेनका गांधी की सोच और केरल के नर्सिंग कॉलेज के फरमान से एक बार फिर ये बहस गरमा गई है कि आखिर हर तरह की पाबंदी सिर्फ लड़कियों पर क्यों ? अब तक लड़कियों के साथ भेदभाव के लिए समाज को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन अब तो सरकार और सरकारी संस्थानों में ही लड़कियों की नैतिक निगरानी शुरू हो गई है.
तेलंगाना की सरकार को लगता है कि वीमन्स हॉस्टल में शादीशुदा लड़कियों के पति मिलने आते हैं, इससे माहौल खराब होता है. केरल के नर्सिंग कॉलेज को लगता है कि लड़कियां बंद कमरे में कपड़े बदलेंगी तो इससे अनैतिक रिश्ते बनने लगेंगे. अब तो मोदी सरकार को ये सोचना पड़ेगा कि क्या इसी सोच के साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं कामयाब होंगी.