लखनऊ: राजधानी लखनऊ में अभी उस संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह के साथ एनकाउंटर जारी है. जो ठाकुरगंज इलाके की हाजी कॉलोनी के एक घर में छिपा हुआ है. फिलहाल, उस संदिग्ध आतंकी के साथ मुठभेड़ जारी है. इससे पहले कानपुर से संदिग्ध आतंकी फैसल को पकड़ा गया है. जबकि उन्नाव से भी संदिग्ध आतंकी के पकड़े जाने की खबर है.
कानपुर-उन्नाव में भी पकड़े गए संदिग्ध आतंकी
दरअसल, आज एमपी के शाजापुर में एक पैसेंजर ट्रेन में धमाका हुआ था. जिसे आतंकी साजिश माना जा रहा है. इसकी जांच-पड़ताल के दौरान एमपी के ही होशंगाबाद से कुछ संदिग्ध पकड़े गए हैं. जिनसे पूछताछ के बाद कानपुर और उन्नाव में संदिग्धों के पकड़े जाने के बाद अब लखनऊ में संदिग्ध आतंकी के साथ एनकाउंटर चल रहा है.
आतंकी सैफुल्लाह को जिंदा पकड़ने की कोशिश
आतंकी सैफुल्लाह को जिंदा पकड़ने की कोशिश हो रही है. एमपी के होशंगाबाद में भी 5 संदिग्ध पकड़े गए हैं. ये संदिग्ध पिपरिया टोल नाके पर जांच-पड़ताल के दौरान पकड़े गए हैं. बताया जा रहा है कि 2 बसों की पड़ताल के दौरान ये संदिग्ध पकड़े गए थे. इन संदिग्धों को एटीएस ने पकड़ा है.
चिली बम का किया गया इस्तेमाल
लखनऊ में संदिग्ध आतंकी को पकड़ने के लिए चिली बम का इस्तेमाल किया गया है. इस चिली बम को कमरे में फेंका गया है, ताकि आतंकी बाहर आ सके. दरअसल चिली बम वो हथियार है, जिसके इस्तेमाल से बिना इंसान को मारे पकड़ा जा सकता है.
मतलब चिली बम के जरिए किसी के शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं होता और उसे जिंदा पकड़ा जा सकता है. चिली बम को अक्सर बंद कमरे में फेंका जाता है, जिससे कमरे में छिपा बैठा इंसान बेहोश हो जाता है. चिली बम का असर जिसके शरीर पर होता है, उसे खुजली होने लगती है, आंख से पानी आने लगता है.
ऐसे में जिस जगह चिली बम गिरे, वहां से भागना ही आखिरी विकल्प होता है. जो मिर्च घर या रेस्टॉरेंट में इस्तेमाल की जाती है, उसमें केमिकल मिला दिया जाता और फिर वो चिली बम का काम करता है. हाथ से फेंकने पर इसकी दूरी 30-35 मीटर होती है, जबकि किसी गन से फेंकने पर 90 मीटर की दूरी तक चिली बम जा सकता है. इसे पावा शेल और मिर्ची बम भी कहते हैं.
‘टिप ऑफ से मिली जानकारी’
यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी ने कहा कि जो इनपुट आया है, वो राज्य के बाहर से आया है. इसके क्या लिंकेजेज हैं और क्या मॉड्यूल है ? किसके साथ इसके ताल्लुकात हैं ? ये बातें पकड़े जाने के बाद ही उजागर होंगी. ये टिप ऑफ है. जिस पर हम काम रहे हैं और टिप ऑफ बिल्कुल सही है. जिस प्रकार से फर्स्ट रिएक्शन उसके द्वारा हुआ है. ऐसा लगता है कि टिप ऑफ बिल्कुल सही है.